कोटा का 'उत्तर' नहीं, हवामहल की सियासी हवा में विरोध, दंडवत प्रणाम-दिल्ली दौड़ भी बेकार

कोटा का 'उत्तर' नहीं, हवामहल की सियासी हवा में विरोध, दंडवत प्रणाम-दिल्ली दौड़ भी बेकार

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कोटा का 'उत्तर' नहीं, हवामहल की सियासी हवा में विरोध, दंडवत प्रणाम-दिल्ली दौड़ भी बेकार


Rajasthan Election 2023: जयपुर की हवामहल और कोटा की कोटा उत्तर सीट पर कांग्रेस ने अब तक प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। यहां के सबसे बड़े दावेदार महेश जोशी और शांति धारीवाल को माना जा रहा है, लेकिन पार्टी आलाकमान ने इन्हें लटकाकर रखा है। जानिए, ऐसा क्यों हैं? 


राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पांच सूची जारी कर चुकी है। पार्टी ने 200 विधानसभा सीटों में से अब तक 156 पर प्रत्याशी उतार दिए हैं। यानी 44 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का एलान होना बाकी है। इनमें से दो सीटों पर सब नजर बनी हुई है।

एक है जयपुर की हवा महल और दूसरी कोटा की कोटा उत्तर सीट। ऐसा इसलिए है क्योंकि हवा महल सीट से वर्तमान विधायक महेश जोशी हैं, जबकि कोटा उत्तर से शांति धारीवाल विधायक हैं। कांग्रेस आलाकमान ने पांच सूचियों में इनके नामों का एलान नहीं किया है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इनके टिकट कट जाएंगे। हालांकि, ये तो समय ही बताएगा, लेकिन इससे पहले भी इन सीटों को लेकर भी सियासी शोर मच रहा है। 

सबसे पहले जानिए क्यों लटके हैं टिकट
25 सितंबर 2022 को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। बैठक के लिए कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान प्रभारी अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को जयपुर भेजा था। इस बैठक में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने के प्रस्ताव पर मोहर लगनी थी। क्योंकि, सीएम अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाना था। लेकिन, विधायक दल की बैठक से पहले गहलोत समर्थक विधायकों ने आलाकमान के फैसले के विरोध में बगावत कर दी। 

इन विधायकों ने मंत्री शांति धारीवाल के घर पर एक अलग बैठक बुलाई। जिसके बाद करीब 80 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के घर पहुंचकर पायलट के सीएम बनाए जाने के विरोध में अपना इस्तीफा सौंप दिया था। पार्टी विरोधी इस गतिविधि को लेकर महेश जोशी और शांति धारीवाल को ही जिम्मेदार मनाया गया था। इसके अलावा इन नेताओं ने आलाकमान को लेकर कई चुभने वाले बयान भी दिए थे। यही, कारण है कि अब कांग्रेस आलाकमान इन्हें अपनी ताकत दिखा रहा है। इन्हीं कारणों के चलते इनके टिकट अटकाए गए हैं

टिकट को लेकर क्या कर रहे नेता और कहां फंसा है पेज?
महेश जोशी और शांति धारीवाल दोनों ही टिकट पाने की जुटत में लगे हैं। दोनों ही नेता सीएम अशोक गहलोत के करीबी हैं। गहलोत समर्थक एमएलए समेत निर्दलीयों और बसपा से आए विधायकों को भी टिकट दिलाने में सफल रहे हैं, लेकिन अब तक इन दोनों नेताओं के टिकट पर फैसला नहीं करा पाए हैं। उधर, ये नेता भी लगातार टिकट को लेकर चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन बात नहीं बन पा रही है। 

टिकट को लेकर बनी टेंशन के कारण करीब एक हफ्ते पहले महेश जोशी जयपुर में गिरिराजजी की परिक्रमा के लिए पहुंचे थे। इस दौरान वे दंडवत प्रणाम करते नजर आए थे। बतादें कि जोशी ने आलाकमान की अवमानना तो की है, साथ ही उनके बेटे रोहित जोशी के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप भी लगे हैं। ऐसे में उनका सियासी भविष्य फिलहाल संकट में नजर आ रहा है।

शांति धारीवाल के सामने क्या मुश्किलें?
धारीवाल की सबसे बड़ी मुश्किल यही है कि उन्होंने आलाकमान पर ही सवाल उठा दिए थे। उन्होंने कहा था- कौन आलाकमान, कौन कर रहा है बदलाव, यहां तो अशोक गहलोत ही है जो कुछ है। इसके अलावा धारीवाल अपने विवादित बयानों को लेकर भी चर्चा में रहते हैं। एक बार विधानसभा में उन्होंने कह दिया था कि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है, इसलिए यहां ज्यादा दुष्कर्म होते हैं। शहीद की विधवा पत्नी को नाते में जाने वाली बात भी कही थी। इसके अलावा कोटा में एक छात्रा की सुसाइड को उन्होंने लव अफेयर से जोड़ दिया था। धारीवाल के विवादित बयानों की लिस्ट लंबी है। माना जा रहा है कि इन्हें कारणों के चलते कांग्रेस आलाकमान की सूची में इनका नाम नहीं जुड़ पा रहा है। 

हवामहल सीट का गरमा गया माहौल
इधर, हवामहल सीट पर कांग्रेस के टिकट को लेकर बुधवार को माहौल गरमा गया। दरअसल, कांग्रेस जिला अध्यक्ष आरआर तिवाड़ी के नाम से नामांकन फॉर्म उठाया गया था, इसकी जानकारी महेश जोशी के समर्थकों को मिली तो वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय जा पहुंच गए। समर्थकों को अंदर नहीं घुसने दिया गया तो वे दीवार फांदकर अंदर पहुंचे और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा से मुलाकात कर अपनी बात रखी। 

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