ब्यूरोक्रेसी के मुखिया राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत की विशिष्ट कार्यशैली- गुड गवर्नेंस के लिए अधिकारियों को समय समय पर देते है टिप्स, प्रत्यक्ष फीडबैक लेने और तुरंत क्रियान्वयन में रखते हैं विश्वास ,पारदर्शी और जवाबदेही को मानते है सरकार की प्राथमिकता
जयपुर:राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत बेहद इंटेलीजेंट और ईमानदार छवि वाले अफसर माने जाते है।
जनसेवा को सर्वोपरि व सरकारी कार्यों को लगन से करने वाले अफसर है।

वे अपने पूर्ववर्तियों अधिकारियों से अलग दिखते हैं, जो फीडबैक और निगरानी के लिए ज़्यादातर अपने कार्यालय पर निर्भर रहते थे। दूसरी ओर, सुधांश पंत प्रत्यक्ष फीडबैक लेने और तुरंत क्रियान्वयन में विश्वास रखते हैं। उनकी स्मार्ट ड्रेसिंग उनके कामकाज में भी झलकती है।
तेजी से निर्णय लेना
पंत का रिकॉर्ड साफ़-सुथरा रहा है। वे त्वरित कार्रवाई और तेज़ फ़ैसले लेने के लिए जाने जाते हैं। राजस्थान सरकार द्वारा बजट पेश करते ही , पंत ने सभी विभागों को बजट प्रावधानों को तुरंत लागू करने के आदेश जारी कर दिए थे। यह शायद पहली बार है कि मुख्य सचिव ने बिना किसी देरी के प्रतिक्रिया दी। अगर नौकरशाही व्यवस्था की और पूरक बनती है, तो सरकार का प्रदर्शन अपने आप बेहतर हो जाता है।
नियमित निगरानी
मुख्य सचिवों द्वारा विभागों के प्रदर्शन की समीक्षा करना कोई असामान्य बात नहीं है। लेकिन सुधांश पंत ने इसे नियमित और व्यवस्थित बना दिया है। हर पखवाड़े वे वरिष्ठ अधिकारियों, जिनमें सचिव और विभागाध्यक्ष शामिल हैं, की बैठक लेते हैं। वे विभागों के कामकाज पर कड़ी निगरानी रखते हैं और किसी भी सुधार की आवश्यकता होने पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं। वे विभागाध्यक्षों को अपनी कार्य प्रणाली में दक्षता लाने के लिए अपनाए गए नवाचारों और अच्छी प्रथाओं पर प्रस्तुतियाँ देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
क्षेत्र का दौरा
यही एक ऐसा पहलू है जहाँ पंत ने सभी पूर्व मुख्य सचिवों को मात दे दी है। वे ज़िला कलेक्टरों और अन्य सचिवों से प्रगति रिपोर्ट माँगने के लिए अपने कक्ष तक ही सीमित नहीं रहते। वे मैदान में उतरते हैं, औचक निरीक्षण करते हैं और खुद मिसाल कायम करते हैं। वे राजस्थान को सबसे पसंदीदा निवेश स्थल के रूप में प्रचारित करने के लिए रोड शो करने से भी नहीं हिचकिचाते।
मुख्य सचिव के रूप में उन्होंने जनता से जुड़े कई प्रमुख विभागों का निरीक्षण किया है। उन्होंने जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) से शुरुआत की , उसके बाद जयपुर कलेक्ट्रेट और नगर निगम ग्रेटर, परिवहन विभाग,स्वास्थ्य भवन का निरीक्षण किया। उनका मुख्य ध्यान कार्यालयों में समय की पाबंदी और अनुपस्थिति की जाँच पर था। उन्होंने लंबित कार्यों की भी जाँच की और काम में देरी के कारणों की भी जाँच की। वे अपने निरीक्षण में सख्त रहे हैं और अधिकारियों को भ्रष्टाचार, लापरवाही, समय की पाबंदी और ढिलाई के प्रति जीरो टॉलरेंस का कड़ा संदेश दिया है। जेडीए के निरीक्षण के दौरान जब वे अपने-अपने कार्यालयों में नहीं मिले , तो उन्होंने दो आरएएस और एक आईएएस अधिकारी को एपीओ कर दिया था।

समय की पाबंदी
सुधांश पंत ने व्यवस्था में समय की पाबंदी लागू कर दी है। अब सरकारी दफ्तरों में काम सुबह 9:30 बजे शुरू होता है और अधिकारियों को अपने कक्ष से बाहर न निकलने और काम निपटाने का निर्देश दिया है। वह सुबह 9-9:30 के बीच दफ्तर पहुँच जाते हैं और शाम 7:30 बजे से पहले कभी दफ्तर से नहीं जाते।
चूंकि वह स्वयं इसका अभ्यास करते हैं, इसलिए वे उम्मीद करते हैं कि व्यवस्था में शामिल सभी लोग भी इसका अनुसरण करेंगे
ऑनलाइन निपटान पर ध्यान केंद्रित करें
सुधांश पंत को ऑनलाइन फाइलिंग प्रणाली को बढ़ावा देने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने इसे सभी विभागों में लागू करने का प्रयास किया। पंत ने इसे आगे बढ़ाया और अब अधिकांश मामलों में फाइल निपटान का समय, जो पहले कुछ दिनों का होता था, कुछ घंटों में बदल गया है। इससे प्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता भी आई है।
उन्होंने अधिकारियों से मीटिंग के दोरान परिचय में यह नया पैरामीटर शामिल किया है। इससे अधिकारियों में स्वस्थ स्पर्धा होगी तथा वे ई-फाइलिंग को गंभीरता से लेंगे।
“ई-फाइलिंग लागू होने के बाद, कार्यकुशलता में कई गुना सुधार हुआ है। नियमित कार्य निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरे हो रहे हैं। यहाँ तक कि जिन कार्यों पर विचार-विमर्श और नीतिगत निर्णय लेने की आवश्यकता होती है, वे भी तेज़ी से पूरे हो रहे हैं।”
सुधांश पंत राज्य और केंद्र में महत्त्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। उनका काम का तरीका बेहद सुलझा हुआ और रिसर्च बेस्ड होता है।

(मुख्य सचिव सुधांश पंत,पत्नी और बेटी मतदान करते हुए )
सुधांश पंत का सबसे मजबूत पक्ष-
सुधांश पंत रिसर्च में बहुत मजबूत हैं। कोई भी निर्णय लेने से पहले खुद रिसर्च करते हैं। किसी के कहने से भरोसे में नहीं आते, खुद की नॉलेज और समझ से फैसले लेते हैं। खुद विषय का अध्ययन करते हैं। टेक्नोफ्रेंड्ली हैं, तो तकनीक का भरपूर फायदा लेते हुए किसी भी पक्ष के हर पहलू को जमकर अध्ययन करते हैं। मुख्यमंत्री हो या केन्द्रीय मंत्री जब भी उन्हें प्रजेंटेशन देना पड़ा, बेहद तर्कसंग, शोध आधारित और वास्तविक धरातल से जुड़े प्रजेंटेशन दिए। आईएएस सुधांश पंत के सुझाव बेहद गंभीर और प्रभावशाली होते हैं।
मुख्य सचिव ने कार्यों की ट्रैकिंग और निगरानी में सुधार के लिए ई-फाइलिंग पर ज़ोर दिया है। उन्होंने ई-फाइलिंग से कार्य प्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता लाने मे बेहतर प्रयास किये है।
लोगों को मिले त्वरित न्याय
मुख्य सचिव पंत ने तीन नए कानूनी अधिनियमों के क्रियान्वयन समीक्षा के दोरान कहा कि सरकार का उद्देश्य लोगों को त्वरित न्याय दिलाना है। इसके लिए जरूरी है कि पुलिस के स्तर पर प्रकरणों की समय पर जांच होकर चार्जशीट दायर की जाए।

महिला सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता नहीं
बैठकों में मुख्य सचिव ने महिला उत्पीड़न से जुड़े प्रकरणों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना सरकार का ध्येय है। इसमें किसी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सड़क हादसों में कमी लाने के लिए हों प्रयास
उन्होंने पुलिस- प्रशासन, परिवहन, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण तथा पीडब्ल्यूडी को समन्वय से काम करते हुए सड़क हादसों में कमी लाने के लिए हर संभव प्रयास करने के समय समय पर निर्देश दिए
CS पंत ने अपना अस्थायी प्रभार सौंपकर अच्छी परंपराएं स्थापित करने का प्रयास किया।
ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जहाँ मुख्य सचिव ने अपनी अनुपस्थिति में किसी आईएएस अधिकारी को कार्यभार सौंपा हो। केवल एक बार सीके मैथ्यू ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सीएस राजन को मुख्य सचिव का कार्यभार सौंपा था, जब तत्कालीन विपक्षी भाजपा ने चुनावों से पहले मैथ्यू पर सत्तारूढ़ कांग्रेस का पक्ष लेने का आरोप लगाया था, जिसके बाद मैथ्यू लंबी छुट्टी पर चले गए थे
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने राजस्थान की नौकरशाही में अपने विदेश दौर के दोरान अपना अस्थाई प्रभार वरिष्ठ आईएएस अभय कुमार को सौंपकर अच्छी परंपराएं स्थापित करने का प्रयास किया हैं।
पंत सचिवालय के कामकाज में अनुशासन और समय की पाबंदी लाने में कामयाब रहे हैं। अब अधिकारी समय पर दफ्तर आते हैं और फाइल पर दर्ज हर गतिविधि के लिए टर्न अराउंड टाइम (TAT) तय होने से निर्णय लेने की प्रक्रिया भी तेज़ हो गई है।
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने ब्यूरोक्रेसी को गुड गवर्नेंस के लिए न सिर्फ फाइल पेंडेंसी समाप्त करने के टिप्स दे रहे हैं बल्कि लगातार निरीक्षण के जरिए प्रशासनिक तंत्र को मजबूती भी दे रहे हैं-
मुख्य सचिव बैठकों मे अधिकारियों को संवेदनशील होकर काम करने के निर्देश देते है । सरकार की मंशा के अनुरूप लोगों को त्वरित राहत उपलब्ध कराकर गुड गवर्नेंस के संकल्प को साकार करना होगा-हर सप्ताह सीनियर ऑफिसर्स मीटिंग-SOM के जरिए दिए होमवर्क की हर सप्ताह समीक्षा की जा रही है.
विकसित राजस्थान 2047 के विजन को साकार करने की प्लानिंग और उस पर अमल करने के निर्देश,विभागवार संपर्क पोर्टल पर शिकायतों की पेंडेंसी दूर करने का मैकेनिज्म विकसित करने के निर्देश,साथ ही इन शिकायतों का आयुवार विश्लेषण करके निपटारे के निर्देश,विधानसभा में लगे सवालों के जवाब, ध्यानाकर्षण प्रस्तावों,विशेष उल्लेख और एश्योरेंस से जुड़े बिंदुओं सहित विधानसभा के तमाम बिंदुओं की पेंडेंसी,विभागवार फाइलों की पेंडेंसी और विचाराधीन पेंडेंसी कम करने के निर्देश,इसके तहत किसी बिंदु पर चर्चा के बजाय तुरंत संबंधित से विचार करके निर्णय लेने के निर्देश,सीनियर अधिकारियों को 2024 के मुकाबले 2025 में एवरेज फाइल डिस्पोजल कितनी हुई, यह तुलना करके डिस्पोजल बढ़ाने के निर्देश.
विभागों में की परफोर्मेंस इंडिकेटर्स बढ़ाने के लिए सीनियर अधिकारियों के अपने विभागों के अधीनस्थ कार्यालयों/ सेक्शन में दौरे/निरीक्षण बढ़ाकर प्रशासनिक पकड़ बनाए रखने के निर्देश,सीनियर अधिकारियों के संबद्ध या अधीनस्थ कार्यालयों में उपस्थिति में समय के पालन को सुनिश्चित करने के निर्देश,फाइल डिस्पोजल के अलग अलग स्तर को युक्तिसंगत तरीके से कम करने के निर्देश,पेंडिंग बिलों और कैबिनेट एजेंडों के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पूरा करने के निर्देश,पेंडिंग भर्तियों की नियमित समीक्षा करके पेंडेंसी कम करने के निर्देश.
वर्क मॉनिटरिंग डैशबोर्ड के जरिए सीनियर अधिकारियों को इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य सिविल प्रोजेक्ट्स की लगातार समीक्षा करके उनकी समयबद्ध प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश,सिटिजन चार्टर के उल्लंघन से जुड़ी शिकायतों को काम करने का मेकैनिज्म तैयार करके अमल करने के निर्देश,पेंडिंग टाइम लाइन केसेस इसको काम करने संबंधी दिए निर्देश.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन संबंधी जरूरी कार्यवाही तय समय पर पूरी करने के निर्देश.
सीनियर अधिकारियों को अपने अधीन विभागों और क्षेत्र में स्टाफ से नियमित संवाद और बैठकें करके उनकी समस्या दूर करते हुए काम में तेजी लाने के निर्देश,गवर्नेंस के काम में तेजी लाने के लिए आईटी का ज्यादा उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश.
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने ये भी निर्देश दिए हैं कि नोडल विभाग ARD हर सप्ताह सीनियर ऑफिसर्स की मीटिंग से पहले इन बिंदुओं की कार्य पर पालन कितनी हुई इसका तथ्यात्मक ब्योरा देगा. इस ब्यौरे में प्रशासनिक सुधार विभाग सारे विभागों के बिंदुओं को समाहित करके रिपोर्ट बनाएगा,सर्विस डिलीवरी आम लोगों की संतुष्टि के ऊंचे स्तर तक पहुंचाने का भी मकसद है.
हर मुख्य सचिव की तरह सीएस सुधांश पंत ने भी पिंक लेटर्स में बताए बिंदु का निपटारा अपनी प्राथमिकता बनाया हुआ है. किसी अधिकारी या विभाग की ओर से सबसे ज्यादा प्रायोरिटी में किए जानेवाले कार्य पिंक लेटर्स के तहत आते हैं.
इसके तहत अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण, अभियोजन स्वीकृति, वीआईपी के विभाग या मुख्य सचिव कार्यालय में भेजे गए पत्र में बताए बिंदु या समस्या का निपटारा शामिल है. इन इंडिकेटर्स में विभाग से जुड़ी संपर्क पोर्टल पर की गई शिकायतों का निपटारा भी शामिल है.
इसी के साथ क्लियर्स पोर्टल पर आने वाले पत्रों का समाधान भी प्राथमिकता वाले बिंदु में शामिल है.
केन्द्र की ओर से राज्यों के विभागों को दिए निर्देशों की पालना भी इसमें शामिल है.
साथ ही संसद में राज्य के विभागों से जुड़े कार्यों या प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग भी इसमें शामिल है.
इसके साथ ही विभाग से संबंधित आईएएस अधिकारियों की अंदरूनी कवायद को इसके तहत शामिल किया गया है. यह एक्सरसाइज गोपनीय हो सकती है.
विधानसभा में पूछे गए सवालों के उत्तर,संपर्क पोर्टल पर विभाग से जुड़ी शिकायतों का समाधान,पेंडिंग बिलों या काम को लेकर कवायद,पेंडिंग काम, प्रोजेक्ट्स को लेकर सक्रियता,विभागों के अदालतों में पेंडिंग केसेस का निपटारा,विभाग के कैबिनेट नोट या निर्णय पर कवायद,विभाग से जुड़ी पेंडिंग भर्तियों को लेकर विभाग की ओर से की जानेवाली कार्यवाही,विचाराधीन प्रकरणों को लेकर विभाग का एक्शन,विभाग से जुड़े ऑफिसों में समयपालन और फाइलों का यथासमय निपटारा.
समय पाबंदी और अनुशासन को लेकर फोकस रखने वाले सीएस सुधांश पंत हर सप्ताह इन बिंदुओं पर ब्यूरोक्रेसी की प्रगति की न सिर्फ समीक्षा के साथ इन दिशा में किए गए कार्यों की रिपोर्ट भी ली जाती है.वास्तव मे राजस्थान मे CS पंत की विशिष्ट कार्यशेली से उल्लेखनीय परिवर्तन और सुधार हुए है।
-SWAPNIL KHANDELWAL, EDITOR IN CHIEF, NAVDHA TIMES.
