मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर महिला सुरक्षा के लिए सख्त कदम- 1 सितंबर से ‘सुरक्षित सफर अभियान’ होगा शुरु,मुख्य सचिव सुधांश पंत ने अधिकारियों को दिये निर्देश.
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने महिला सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिये,छात्राओं की सुरक्षा को लेकर दिखाई जाएगी सख्ती।
नवधा टाइम्स जयपुर:राजधानी जयपुर में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर अब प्रशासन ने सख्ती दिखाने का फैसला लिया है. जयपुर आरटीओ प्रथम और ट्रैफिक पुलिस मिलकर 1 सितंबर से ‘सुरक्षित सफर अभियान’ शुरू करेंगे. इस अभियान का मकसद स्कूल और कॉलेज जाने वाली बालिकाओं के सफर को सुरक्षित बनाना है.
1 सितंबर से शुरू हो रहे अभियान के तहत प्रत्येक स्कूल और कॉलेज की बस में अब जीपीएस और सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य होगा. इन उपकरणों के जरिए न केवल बस की लोकेशन ट्रैक की जा सकेगी, बल्कि बस में बच्चों और स्टाफ की गतिविधियों की निगरानी भी हो पाएगी. इसके साथ ही हर बस के ड्राइवर और कंडक्टर का पुलिस वेरिफिकेशन कराना भी जरूरी कर दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि यह कदम छात्राओं की सुरक्षा को और मजबूत करेगा और किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति में तुरंत कार्रवाई संभव हो सकेगी.मुख्य सचिव सुधांश पंत के निर्देश पर डीसीपी ट्रैफिक की अध्यक्षता में हाल ही में हुई बैठक में अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सभी स्कूल और कॉलेजों को अपनी बसों की कमियां दूर करने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया गया है. इस अवधि के भीतर संस्थानों को अपनी बसों में जीपीएस और कैमरा लगवाना होगा तथा ड्राइवर-कंडक्टर का पुलिस सत्यापन पूरा करना होगा. इतना ही नहीं, संस्थानों को 31 अगस्त तक एक प्रमाण पत्र आरटीओ कार्यालय में जमा करना अनिवार्य होगा, जिसमें यह लिखा होगा कि उनकी सभी बसों में आवश्यक उपकरण लग चुके हैं और सभी कर्मचारियों का सत्यापन हो चुका है.
अभियान शुरू होने के बाद यदि किसी बस में सुरक्षा उपकरण या पुलिस सत्यापन अधूरा पाया गया तो उस बस को मौके पर ही सीज़ कर दिया जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि इस बार किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह व्यवस्था केवल छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है.मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने हाल ही में महिला सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे.उसी पर मुख्य सचिव सुधांश पंत के अधिकारियों को निर्देशों की पालना में आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की संयुक्त टीम यह अभियान शुरू कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि यह प्रयास आने वाले दिनों में बालिकाओं और उनके अभिभावकों को काफी राहत देगा.अभियान की घोषणा के बाद शहर के कई अभिभावकों ने इसे स्वागत योग्य कदम बताया है. उनका कहना है कि आए दिन स्कूल बसों से जुड़ी लापरवाही और दुर्घटनाओं की खबरें आती रहती हैं. ऐसे में यदि बसों में तकनीकी उपकरण और स्टाफ का सत्यापन अनिवार्य हो जाएगा तो छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और माता-पिता भी निश्चिंत रह पाएंगे.
-SWAPNIL KHANDELWAL, EDITOR IN CHIEF,
NAVDHA TIMES
