राजस्थान में राज्य वित्त आयोग का गठनः पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी अध्यक्ष बनाए गए
जयपुर। राजस्थान सरकार ने महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी करते हुए राज्य में नए वित्त आयोग का गठन किया है। यह कदम राज्यपाल महोदय के आदेश पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 243-आई और 243-वाई के तहत उठाया गया है, जो क्रमशः राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 और राजस्थान नगरपालिका अधिनियम, 2009 से संबंधित हैं। इसमें पूर्व मंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी को अध्यक्ष बनाया गया है।
इस आयोग का मुख्य उद्देश्य राज्य में सभी स्तरों पर पंचायतों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करना और उसे मजबूत बनाने के लिए सिफारिशें देना है। आयोग के अध्यक्ष और सदस्य सचिव इस अधिसूचना जारी होने की तारीख से अपना पदभार संभाल लेंगे। यह आयोग मुख्य रूप से तीन महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगा।
करों का वितरण: यह आयोग इस बात पर सुझाव देगा कि राज्य सरकार द्वारा लगाए गए विभिन्न करों, शुल्कों और पथकरों से प्राप्त आय को राज्य और सभी स्तरों पर पंचायतों के बीच किस तरह से बांटा जाए।
फीस का निर्धारण: आयोग यह तय करेगा कि ऐसे कौन से कर, शुल्क और फीस हो सकते हैं, जिनका निर्धारण पंचायतों को सौंपे जाने के बाद वे खुद उन्हें लागू कर सकें।
राज्य की संचित निधि से अनुदान: आयोग इस विषय पर भी अपनी सिफारिशें देगा कि पंचायतों को राज्य की संचित निधि से कितना और किस तरह का अनुदान दिया जाए, जिससे उनके कामकाज में सुधार हो सके। इस आयोग का गठन पंचायतों को वित्तीय रूप से अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
