बीजेपी के गढ़ में कैसे जीतेगी कांग्रेस, क्या कहता है यहां का चुनावी इतिहास?

बीजेपी के गढ़ में कैसे जीतेगी कांग्रेस, क्या कहता है यहां का चुनावी इतिहास?
यहां पर सियासी समीकरण क्या है? आइए जानते है…
बीजेपी का गढ़ है चुरु विधानसभा
चूरू विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के सबसे मजबूत गढ़ों में से एक मानी जाती है। इस सीट से राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ लगातार जीत दर्ज कर रहे है। हालांकि, 2008 के विधानसभा चुनाव में राठौड़ को तारानगर शिफ्ट कर दिया गया था। वहां भी राठौड़ चुनाव जीत भी गए थे।
मतदाता की संख्या
चूरू विधानसभा में 2018 के आकड़ो की माने तो कुल मतदाताओं की संख्या 2,30,958 है। इनमें पुरुष मतदाता 1,19,264 और महिला मतदाता 1,11,694 होगी।
1952 से अब तक चूरू सीट पर ये बने विधायक
- 1952 प्रभुदयाल कांग्रेस
- 1952 कुम्भाराम कांग्रेस
- 1957 मोहरसिंह निर्दलीय
- 1957 रावतराम कांग्रेस
- 1962 मोहरसिंह निर्दलीय
- 1967 मेघराज निर्दलीय
- 1972 मोहरसिंह कांग्रेस
- 1977 मेघराज जनता पार्टी
- 1980 भालू खां कांग्रेस
- 1985 हमीदा बेगम कांग्रेस
- 1990 राजेंद्र राठौड़ जनता दल
- 1993 राजेंद्र राठौड़ भाजपा
- 1998 राजेंद्र राठौड़ भाजपा
- 2003 राजेंद्र राठौड़ भाजपा
- 2008 मकबूल कांग्रेस
- 2013 राजेंद्र राठौड़ भाजपा
- 2018 राजेंद्र राठौड़ भाजपा
2013, 2018 के बाद अब 23 की तैयारी
2008 के चुनाव में कांग्रेस के मकबूल मंडेलिया चूरू सीट से जीतने में कामयाब रहे। 2013 में यह सीट फिर बीजेपी के खाते में आ गई। 2013 के चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर बीजेपी दोबारा सत्ता में आई। इस बार पार्टी ने राठौड़ को फिर चूरू से अपना उम्मीदवार बनाया और वह जीतने में कामयाब रहे। 2018 के चुनाव में वह फिर से जीतकर विधानसभा पहुंचे। फिलहाल वह विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं।