लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जयंती: विधायक अनीता भदेल के शोधपूर्ण विचारों की धर्मेश जैन ने की प्रशंसा

लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जयंती: विधायक अनीता भदेल के शोधपूर्ण विचारों की धर्मेश जैन ने की प्रशंसा
अजमेर। वीरांगना लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में अजमेर दक्षिण की विधायक अनीता भदेल द्वारा प्रस्तुत किए गए शोधपूर्ण विचारों की भाजपा के वरिष्ठ नेता, यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष और महाराणा प्रताप जयंती समारोह समिति के अध्यक्ष धर्मेश जैन ने भूरी-भूरी प्रशंसा की है।
अजमेर दक्षिण से पांचवीं बार विधायक और पूर्व मंत्री अनीता भदेल ने इस आयोजन में बताया कि किस प्रकार लोकमाता अहिल्याबाई होलकर ने शासन को मातृवत संवेदनशीलता और प्रजावत न्याय के साथ संचालित किया था। भदेल ने उन्हें भारत की प्रथम महिला प्रशासकों में से एक बताया, जिनके दूरदर्शी निर्णय आज भी नीति-निर्माताओं को दिशा प्रदान करते हैं। उनके वक्तव्य ने अहिल्याबाई होलकर के प्रशासनिक कौशल और जन-उन्मुख शासन के पहलुओं को गहराई से उजागर किया।
धर्मेश जैन ने भदेल की प्रस्तुति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने अपने पांच दशक से अधिक के राजनीतिक जीवन में पहली बार किसी विधायक और राजनीतिज्ञ को किसी विषय पर इतनी गहन विवेचना और अध्ययन कर बोलते सुना है। जैन ने अनीता भदेल की जानकारी और शोध को निश्चित रूप से सराहनीय बताया, जो उनकी गहन तैयारी और विषय वस्तु पर पकड़ को दर्शाता है।
जैन ने भदेल की प्रस्तुति की सराहना करते हुए यह भी कहा कि उनकी गहन जानकारी और दृष्टिकोण को देखते हुए, कांग्रेस शासनकाल में उन्हें 'श्रेष्ठ विधायक' का सम्मान मिलना एक उचित और प्रशंसनीय निर्णय था। नगर निगम चुनाव की ओर संकेत करते हुए, धर्मेश जैन ने विश्वास व्यक्त किया कि भाजपा का फिर से बोर्ड बनना लगभग तय है।
उन्होंने पार्टी को सलाह दी कि उन कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए जो पराक्रम के साथ जनसेवा में जुटे हैं। उन्होंने अपने प्रसिद्ध वाक्य को दोहराते हुए कहा, "जो परिक्रमा से नहीं, पराक्रम से जनता का विश्वास अर्जित करें, वही सच्चे जनप्रतिनिधि होते हैं।" यह बयान कार्यकर्ताओं को उनके काम के आधार पर पहचान देने के महत्व को रेखांकित करता है।
अजमेर दक्षिण से पांचवीं बार विधायक और पूर्व मंत्री अनीता भदेल ने इस आयोजन में बताया कि किस प्रकार लोकमाता अहिल्याबाई होलकर ने शासन को मातृवत संवेदनशीलता और प्रजावत न्याय के साथ संचालित किया था। भदेल ने उन्हें भारत की प्रथम महिला प्रशासकों में से एक बताया, जिनके दूरदर्शी निर्णय आज भी नीति-निर्माताओं को दिशा प्रदान करते हैं। उनके वक्तव्य ने अहिल्याबाई होलकर के प्रशासनिक कौशल और जन-उन्मुख शासन के पहलुओं को गहराई से उजागर किया।
धर्मेश जैन ने भदेल की प्रस्तुति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने अपने पांच दशक से अधिक के राजनीतिक जीवन में पहली बार किसी विधायक और राजनीतिज्ञ को किसी विषय पर इतनी गहन विवेचना और अध्ययन कर बोलते सुना है। जैन ने अनीता भदेल की जानकारी और शोध को निश्चित रूप से सराहनीय बताया, जो उनकी गहन तैयारी और विषय वस्तु पर पकड़ को दर्शाता है।
जैन ने भदेल की प्रस्तुति की सराहना करते हुए यह भी कहा कि उनकी गहन जानकारी और दृष्टिकोण को देखते हुए, कांग्रेस शासनकाल में उन्हें 'श्रेष्ठ विधायक' का सम्मान मिलना एक उचित और प्रशंसनीय निर्णय था। नगर निगम चुनाव की ओर संकेत करते हुए, धर्मेश जैन ने विश्वास व्यक्त किया कि भाजपा का फिर से बोर्ड बनना लगभग तय है।
उन्होंने पार्टी को सलाह दी कि उन कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए जो पराक्रम के साथ जनसेवा में जुटे हैं। उन्होंने अपने प्रसिद्ध वाक्य को दोहराते हुए कहा, "जो परिक्रमा से नहीं, पराक्रम से जनता का विश्वास अर्जित करें, वही सच्चे जनप्रतिनिधि होते हैं।" यह बयान कार्यकर्ताओं को उनके काम के आधार पर पहचान देने के महत्व को रेखांकित करता है।