पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के घर गूंजी किलकारी, एक बार फिर बने दादा, 14 साल की काश्विनी को मिला छोटा भाई

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के घर गूंजी किलकारी, एक बार फिर बने दादा, 14 साल की काश्विनी को मिला छोटा भाई

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पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के घर गूंजी किलकारी, एक बार फिर बने दादा, 14 साल की काश्विनी को मिला छोटा भाई

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दूसरी बार दादा बन गए हैं। उनके बेटे वैभव गहलोत और बहू हिमांशी गहलोत को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है। वैभव ने ट्वीट कर इस खुशी को साझा किया और बताया कि हिमांशी और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। इस खुशखबरी के बाद उन्हें पार्टी नेताओं और शुभचिंतकों से बधाइयां मिल रही हैं।

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आज गुरुवार 3 अप्रैल को खूब बधाइयां मिल रही है। पार्टी नेताओं के साथ अन्य शुभचिंतक भी उन्हें बधाइयां दे रहे हैं। वजह यह है कि पूर्व सीएम के घर एक नई किलकारी गूंजी है। वे फिर से दादा बन गए हैं। गहलोत के बेटे बहू वैभव गहलोत और हिमांशी गहलोत को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पत्नी सुनीता गहलोत दूसरी बार दादा-दादी बने हैं। दूसरी बार दादा-दादी बनने की उन्हें बधाइयां मिल रही है।

वैभव गहलोत ने ट्वीट करके दी जानकारी

पूर्व सीएम के पुत्र और आरसीए के पूर्व अध्यक्ष वैभव गहलोत ने आज दोपहर को ट्वीट करके यह जानकारी साझा की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया के ऑफिशियल अकाउंट पर लिखा कि परमपिता की असीम अनुकंपा से उनके घर में खुशियों की नई किलकारी गूंजी है। भगवान की कृपा से पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है। वैभव ने आगे लिखा कि हिमांशी और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। वैभव गहलोत के इस ट्वीट को उनके पिता और पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने रीट्वीट किया जिसके बाद यह जानकारी लाखों लोगों तक पहुंच गई। इसके बाद बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया।

एक पौत्री है, अब एक पोत्र हुआ

पूर्व सीएम अशोक गहलोत के एक ही पुत्र हैं वैभव गहलोत। 45 वर्षीय वैभव गहलोत का विवाह हिमांशी के साथ हुआ था। वैभव और हिमांशी के बेटी हैं जिनका नाम काश्विनी गहलोत है। 14 वर्षीय काश्विनी को अब छोटा भाई मिल गया है क्योंकि हिमांशी और वैभव दूसरी बार माता पिता बने हैं। हिमांशी गहलोत अभी स्कूल स्टूडेंट है लेकिन वे अपनी मां और दादी के साथ सामाजिक कार्यों में भी हिस्सा लेती है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भी वे अपने पिता के समर्थन में वोट मांगने के लिए फील्ड में उतरी थी।

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