IAS डॉ. समित शर्मा : जिस विभाग में रहते है कार्मिकों की कार्यकुशलता बढ़ाने पर देते है जोर, जाने जाते है अपनी ईमानदारी और पारदर्शिता के लिए, डॉ समित शर्मा माने जाते है जनता के पसंदीदा अफसर..

IAS डॉ. समित शर्मा : जिस विभाग में रहते है कार्मिकों की कार्यकुशलता बढ़ाने पर देते है जोर, जाने जाते है अपनी ईमानदारी और पारदर्शिता के लिए, डॉ समित शर्मा माने जाते है जनता के पसंदीदा अफसर..

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IAS डॉ. समित शर्मा : जिस विभाग में रहते है  कार्मिकों की कार्यकुशलता बढ़ाने पर देते है जोर, जाने जाते है अपनी ईमानदारी और पारदर्शिता के लिए, डॉ समित शर्मा माने जाते है जनता के पसंदीदा अफसर.. 

Jaipur: आईएएस भारत की सबसे प्रतिष्ठित माने जाने वाली राजकीय सेवा. जिसे पाने का सरकारी नौकरी की चाहत रखने वाला हर नौजवान ख्वाब देखता है. मगर यह ख्वाब हर किसी का मुक्कमल होना बहुत आसान तो नहीं है. जो मेहनतकश इसे पा भी जाते हैं तो उन्हें यह समझते देर नही लगती कि रेल की तरह चलना है पहले से बनी पटरी पर. यदि थोड़ा भी इधर-उधर हुआ तो बेपटरी होते देर नही लगती. या कहें कि उन्हें धारा के साथ ही बहना होता है. कुछ हैं जो किनारे-किनारे चलते हैं तो कुछेक हैं जो तूफानों से लड़कर अपनी कश्ती को साहिल तक मौज से लेकर आते हैं. बात आज एक ऐसे ही जाबांज आईएएस की. नाम है डॉ समित शर्मा. राजस्थान कैडर वर्ष 2004 बैच के ऑफिसर. वर्तमान में शासन सचिव पशुपालन, मत्स्य एवं गोपालन विभाग राजस्थान के पद पर कार्यरत हैं. और कामचोर कार्मिकों के विरोध का सामना कर रहे हैं.

गरीब लोगों को दी निशुल्क दवा-जांच योजना की सौगात, देश-दुनिया ने सराहा

मुख्यमंत्री रहते अशोक गहलोत ने अपने इस काबिल, कर्त्तव्यनिष्ठ और ईमानदार ऑफिसर को स्वास्थ्य महकमे में बड़ा जिम्मा दिया. यहां रहते इन्होंने अथक परिश्रम करके गरीब जनता को निशुल्क दवा एवं जांच योजना की सौगात दी. ऐसा करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बना. गरीब जनता जो महंगी दवा-जांच के कारण इलाज को तरसती थी उनके लिए यह बहुत बड़ा काम था. जनता से मिले आशीर्वाद को आईएएस डॉ. समित शर्मा ने अपनी पूरी टीम को श्रेय देते हुए स्वीकार किया. गरीब जनता को यह सौगात ऐसी थी कि देश-दुनिया में इसे सराहना मिली. दुनियाभर से देशों के प्रतिनिधि इसे जानने-समझने के लिए यहां आये. प्रशासनिक सेवा में उत्कृष्ट कार्यों के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने इन्हें सम्मानित भी किया. यह बात अलग रही कि दवा माफियाओं की गैंग कुछ कम खफा न थी.

हर दिन लगाते हैं एक पौधा 

आईएस डॉ. समित शर्मा न केवल कुशल प्रशासक हैं, बल्कि गजब के पर्यावरण प्रेमी भी हैं. पर्यावरण से उनका लगाव कुछ ऐसा है कि वह जन्मदिन पर अपने चाहने वालों से बाकी सब कुछ छोड़कर तोहफे में केवल पौधे लेना पसंद करते हैं. इतना ही नहीं, वह हर रोज एक पौधा जरूर लगाते हैं. आईएएस डॉ. समित शर्मा के इसी प्रेम की वजह से इनका आवास नर्सरी में तब्दील रहता है. भौतिकवादी दुनिया में उनका ये व्यक्तित्व कई लोगों को हैरान करता है तो वहीं लाखों लोग उनसे प्रेरित भी हो रहे हैं.

ऑफिस में पूरी पारदर्शिता, स्टाफ को अनुशासित रखते है

जहां बाबूगिरी हावी हो. उन तक पहुंच भी मुश्किल हो. और जो हो वह भी बंद कमरे में हो. न आने का पता न जाने के वक्त का हिसाब. ऐसे सिस्टम में यदि आईएएस डॉ. समित शर्मा अनुशासन का डंडा चलाएंगे तो कोई राजी तो न होगा न. खुद वक्त पर ऑफिस आते हैं तो दफ्तरकर्मियों को भी इसके लिए पाबंद करते हैं. आगंतुक ऑफिस समय में जब चाहें तब मिल सकते हैं. कुछ नहीं छिपा हुआ. ऑफिस का मुख्य दरवाजा पारदर्शी कांच का जो लगवा रखें हैं. बाहर खड़ा कोई भी व्यक्ति आसानी से काम निपटा रहे आईएएस डॉ. समित शर्मा को देख सकता है. उपस्थिति के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली और ग्रुप सेल्फी से कामचोर कार्मिकों का पक्का इलाज किए हुए है. यही कारण है कि अपने इस अफसर को जनता से तो अपार प्यार करता है लेकिन कामचोर कार्मिकों को यह सब नापसंद है. जनता अपने इस नायक के समर्थन में सड़कों पर उतरती रही है तो कामचोर और खुद को बादशाह समझने वाले कार्मिक इनके सुधारों के विरोध में रहते हैं. 

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