IAS संदीप वर्मा : जो सत्ता के दबाव के आगे कभी नहीं झुके, अपने पेशे के प्रति जितने अनुशासित, व्यक्तित्व में हैं उतने ही ज्यादा खुशमिजाज
Birthday Special : कुछ शख्सियतें अपनी प्रशासनिक क्षमता से न केवल नीतियों में बदलाव लाती हैं, बल्कि व्यवस्था को एक नया स्वरूप देने का साहस भी रखती हैं. ऐसे ही एक सशक्त और प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं आईएएस अधिकारी संदीप वर्मा, जिनका आज जन्मदिन है. आईएएस अधिकारी संदीप वर्मा के व्यक्तित्व की सबसे खास बात यह है कि वह अपने पेशे के प्रति जितने अनुशासित हैं, निजी जीवन में उतने ही मिलनसार और खुशमिजाज भी.
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
शिक्षा और समझदारी का गहरा नाता होता है, संदीप वर्मा ने अपनी बौद्धिक यात्रा को बेहतरीन संस्थानों से निखारा.
साल 1970 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जन्मे संदीप वर्मा का साल 1993 मे UPSC के आईएएस कैडर के लिए चयन हुआ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले आईएएस अधिकारी संदीप वर्मा का जन्म 12 मार्च 1970 को हुआ है।
1993 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी आईएएस संदीप वर्मा दिल्ली आईआईटी से इंजीनियरिंग में पीजी, वांशिगठन यूनिवर्सिटी लॉ स्कूल से एलएलएम, लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से स्ट्रेटेजिक लीडरशिप एंड पब्लिक पॉलिसी में प्रशिक्षित हैं। इनकी नौकरी की शुरुआत असम से हुई थी। फिर राजस्थान कैडर में आ गए।
अपने पूरे करियर के दौरान, संदीप वर्मा ने करौली, सिरोही, दौसा जैसे जिलों में कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट सहित अलग-अलग पदों पर काम किया है. उन्होंने राजस्थान सरकार के होम डिपार्टमेंट मे होम सेक्रेटरी, PHED डिपार्टमेंट में प्रिंसिपल सेक्रेटरी और HCM RIPA मे महानिदेशक, रोडवेज सीएमडी, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग मे अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया है. संदीप वर्मा सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर भी रहे है, वर्तमान मे संदीप वर्मा राजस्थान स्टेट वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के एम डी के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव संदीप वर्मा की कलम केवल ब्यूरोक्रेसी में जनता के कामों, योजना बनाने और दमदार प्रशासनिक प्रबंधन के लिए ही नहीं, बल्कि पेंसिल से चेहरे-मोहर गढ़ने के क्रिएशन में भी माहिर है। पेंसिल से तस्वीरें बनाने के शौकीन संदीप वर्मा अपने पसंदीदा लोगों, सेलिब्रिटीज और दोस्तों की खास मौकों पर सादा कागज पर कुछ ही समय में ही मुंह बोलते चेहरे उकेर देते हैं। जवाहर कला केन्द्र में कई बार उनकी बनाई कई तस्वीरों की प्रदर्शनी भी लग चुकी है।
अपने काम के ऊपर कभी हावी नहीं होने दिया ‘पॉलिटिकल प्रेशर’
संदीप वर्मा की कार्यशैली उन्हें अन्य अधिकारियों से अलग बनाती है. वे नियमों और नीतियों से समझौता नहीं करते और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता के पक्षधर हैं. उन्होंने अपने लंबे करियर में कभी भी राजनीतिक दबाव को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया. वह हमेशा अपने विवेक के आधार पर स्पष्ट निर्णय लेने के लिए जाने जाते है. उनकी निडरता और निष्पक्ष कार्यशैली का ही नतीजा है कि जब भी कोई नीतिगत काम नहीं होता तो कोई भी राजनेता उन्हें फोन करने से पहले दस बार सोचता है. लेकिन इसके साथ ही उनकी सहजता और खुशमिजाजी उन्हें एक संवेदनशील प्रशासक भी बनाती है.
देश के लिए तैयार किए काबिल ऑफिसर
आईएएस संदीप वर्मा न केवल एक कुशल प्रशासक रहे हैं, बल्कि उन्होंने देश के भविष्य के लिए उत्कृष्ट नौकरशाहों को तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में समय समय पर अलग अलग विषयों पर लेक्चर देते रहे है, उन्होंने सिविल सेवा के नवोदित अधिकारियों को प्रशासनिक मूल्यों, नीति-निर्माण और सेवा भावना का गहरा पाठ पढ़ाया. उनकी कक्षाएं केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहती थीं, बल्कि उनमें व्यावहारिक अनुभव, वास्तविक प्रशासनिक चुनौतियों और नैतिक नेतृत्व की सीख भी शामिल होती थी। उनकी प्रेरक शैली और अनुशासनप्रियता ने सैकड़ों प्रशिक्षुओं को एक सशक्त, निडर और ईमानदार अधिकारी बनाकर देशसेवा के लिए तैयार किया है. उनके मार्गदर्शन में प्रशिक्षित कई अधिकारी आज देश के विभिन्न कोनों में कुशलता से प्रशासन की जिम्मेदारियाँ संभाल रहे हैं.
खाली समय में किताबों की दुनियां में खो जाना पसंद करते है
एक तरफ संदीप वर्मा अपने प्रशासनिक कार्यों में अनुशासन और सख्ती के लिए जाने जाते हैं, वहीं उनके निजी जीवन में साहित्य और किताबों के प्रति गहरा प्रेम है. वे एक शौकीन पाठक हैं और खाली समय में किताबों की दुनिया में खो जाना पसंद करते हैं. इसके अलावा, उन्हें प्रकृति से भी विशेष लगाव है, बचे हुए समय में पेंसिल पोट्रेट बनाना, अपने पसंदीदा लोगों की पेंटिंग्स बनाना भी उनके खास शोक मेसे एक है.