जलदाय सचिव डॉ समित शर्मा ने किया अलसुबह 4 बजे औचक निरीक्षण, अधिकारियों में मचा हडकंप; लापरवाही बरतने वाले इंजीनियर्स के खिलाफ होगी सख्त कार्यवाही

जलदाय सचिव डॉ समित शर्मा ने किया अलसुबह 4 बजे औचक निरीक्षण, अधिकारियों में मचा हडकंप; लापरवाही बरतने वाले इंजीनियर्स के खिलाफ होगी सख्त कार्यवाही

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जलदाय सचिव डॉ समित शर्मा ने किया अलसुबह 4 बजे औचक निरीक्षण, अधिकारियों में मचा हडकंप; लापरवाही बरतने वाले इंजीनियर्स के खिलाफ होगी सख्त कार्यवाही

जयपुरराजधानी जयपुर में जलदाय सचिव डॉ.समित शर्मा उस समय फील्ड में उतरे, जब जयपुर के लोग सो रहे थे. चारदीवारी में सुबह सवेरे 4 बजे पेयजल सप्लाई होती है, इस दौरान समित शर्मा ने सप्लाई का निरीक्षण किया. उनके निरीक्षण से जलदाय विभाग में हडकंप मच गया. अब लापरवाही बरतने वाले इंजीनियर्स पर कार्यवाही होना तय है. सुबह के बाद डॉ समित शर्मा फिर से फील्ड में उतरे तो पीएचईडी में हलचल तेज हो गई.

दोषियों पर कार्रवाई होगी-
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सचिव डॉ.समित शर्मा आज सुबह 3.30 बजे राजधानी के परकोटा में दौरे पर निकले और 4 बजे से उन्होंने कई स्थानों का औचक निरीक्षण कर पेयजल आपूर्ति का जायजा लिया. इस दौरान मौजूदा जल कनेक्शन में लीकेज की जांच कर उन्हें रिपेयर करने और जलापूर्ति की निरंतर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए. निरीक्षण में उनके साथ मुख्य अभियंता राकेश लुहाड़िया,अतिरिक्त मुख्य अभियंता अमिताभ शर्मा एवं अधीक्षण अभियंता अधिशासी अभियंता सहायक और कनिष्ठ अभियंताओं की पूरी टीम थी. उन्होंने दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के तत्काल बाद विभाग ने त्वरित कार्यवाही करते हुए अनेक स्थानों से बूस्टर जप्त किए और लीकेज रिपेयर का काम शुरू किया.

अवैध बूस्टर्स पर लगाम जरूरी-

जलदाय सचिव डॉ समित शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुख्य जल वितरण पाइपलाइन से निकलने वाले सर्विस कनेक्शंस का पेयजल आपूर्ति के समय फील्ड अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से निरीक्षण किया जाना सुनिश्चित करें,जिससे लीकेज सहित अन्य समस्या का तत्काल समाधान किया जा सके.सचिव पीएचईडी ने कहा कि जलापूर्ति के समय अवैध रूप से बूस्टर का इस्तेमाल रोकने के लिए विभाग द्वारा प्रभावी कार्यवाही की जाएगी.

पेनल्टी लगाने के दिए निर्देश-

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन क्षेत्रों में अवैध बूस्टर लगे हुए पाए जाएं उन बूस्टर को जब्त किया जाए साथ ही पेनल्टी लगाते हुए संबंधित उपभोक्ता के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए।अगर उपभोक्ता फिर भी नहीं माने तो संबंधित उपभोक्ता के नल कनेक्शन को डिस्कनेक्ट करने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए.

यहां यहां पहुंचे डॉ समित शर्मा-
सचिव डॉ समित शर्मा ने नाहरगढ़ रोड, गोविंद राव का रास्ता, बाबा हरिशचंद्र मार्ग, मिश्रा राव जी का रास्ता का निरीक्षण किया गया। सचिव द्वारा मिश्रा राव जी के रास्ता पर नगर निगम द्वारा सीवर कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए नगर निगम के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर संयुक्त निरीक्षण करने के निर्देश दिए.इस दौरान दिल्ली रोड पर 17.9 किलोमीटर पाइपलाइन और भूजल विभाग के कैंपस में स्थित 1300 लाख लीटर क्षमता के जलाशय,पम्प हाऊस निर्माण का निरीक्षण किया.

30 अप्रैल तक कार्य पूरे किए जाए-
योजनांतर्गत कार्य पूर्ण कर 30 अप्रैल तक आम जन को पूर्ण रूप से लाभांवित करने के निर्देश दिए. उन्होंने परकोटा के विभिन्न क्षेत्रों में की जा रही पेयजल की आपूर्ति की समीक्षा की और परकोटे की सप्लाई को भूजल विभाग के कैंपस के कार्य के उपरान्त री-शेड्यूल करने के निर्देश दिए ताकि उपभोक्ताओं को सही समय पर उचित मात्रा में पेयजल उपलब्ध हो सके.इसके बाद समित शर्मा दोपहर में फिर से फील्ड में उतरे,अबकी बार वो खो नागोरियान पहुंचे जहां इंजीनियर्स की लापरवाही पर एक्शन के निर्देश दिए

शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने कहा कि प्रदेश में  पेयजल आपूर्ति के दौरान निरीक्षण किया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंता द्वारा सप्ताह में एक बार, अधीक्षण अभियंता द्वारा सप्ताह में दो बार, अधिशासी अभियंता द्वारा सप्ताह में तीन बार, सहायक अभियंता द्वारा सप्ताह में चार बार और कनिष्ठ अभियंता द्वारा सप्ताह में 6 बार आवश्यक रूप से पेयजल सप्लाई के समय निरीक्षण किया जाए और मौके पर फाइटर, हेल्पर और वॉल मैन की सहायता से लीकेज को ठीक किया जाए, नियमित आपूर्ति गुणवत्ता एवं प्रेशर की जांच की जाए। साथ में अवैध कनेक्शन और बूस्टर के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई की जाए जिससे कि टेल ऐंड पर पानी पहुंच सके।


निरीक्षण के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान

डॉ समित शर्मा ने बताया कि सभी जगह सही दबाव के साथ पानी पहुंच रहा है इसका ध्यान रखा  जाए और गुणवत्ता के सैंपल लिए जाए। कहीं कोई पाइपलाइन से लीकेज हो रहा है तो तत्काल रिपेयर किया जाए।इसी तरह रिजिडुअल क्लोरीन टेस्ट सहित अवैध कनेक्शन एवं बूस्टर के खिलाफ सुधारात्मक कार्रवाई की जाए। पेयजल के समय जो लीकेज नजर आए उन्हें रिपेयर किया जाए। जल वितरण एवं गुणवत्ता संबंधी समस्याओं का निराकरण कर उपभोक्ताओं को राहत प्रदान की जाए।


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