जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कोटा मे ली संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक बोले- चम्बल के पानी की उपलब्धता के बाद भी टैंकर से पानी मंगवाना पड़े तो यह विभाग के लिए शर्मनाक है.

जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कोटा मे ली संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक बोले- चम्बल के पानी की उपलब्धता के बाद भी टैंकर से पानी मंगवाना पड़े तो यह विभाग के लिए शर्मनाक है,
जयपुर/कोटा: जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू जल मंत्री कन्हैयालाल ने कोटा में संभागीय स्तरीय समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि कोटा में पानी की उपलब्धता के बाद भी अगर लोगों को टैंकर के जरिए पानी मंगवाना पड़े तो यह विभाग के लिए शर्मनाक है। उन्होंने अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए कहा कि अगर काम में शिथिलता बरती गई तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा डीपीआर बनने के बाद भी अधिकारी फील्ड में सर्वे करें। जरूरत के अनुसार योजना में संशोधन करें।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि बैठक में समस्या के समाधान को लेकर चर्चा की, साथ ही जो भी प्रोजेक्ट चल रहे हैं उनका रिव्यू किया है। कोटा के लोगों को शुद्ध पेयजल मिले इसके लिए 400 करोड़ की लागत से योजना बनाई है। इसकी डीपीआर बन रही है। इंजीनियर्स को 15 दिन में पूरा प्रोजेक्ट बनाने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि कोटा में 30-40 साल पहले डाली गई लाइनों को कभी बदला नहीं गया। पहले 5 लाख जनसंख्या के हिसाब से थी। अब जनसंख्या बढ़ चुकी है। कुछ लाइन डैमेज भी थी, विधायकों ने बताया कि उसमें गंदा पानी भी मिल रहा है। अधिकारियों को 15 दिन में डिटेल एस्टीमेट बनाने के निर्देश दिए है। अगर आचार संहिता लग जाती है तो चुनाव के बाद टेंडर लगाएंगे। बहुत जल्दी पानी की समस्या का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि अमृत योजना में जो भी छूटा हुआ क्षेत्र है वो सब शामिल होगा।
बैठक में लाडपुरा विधायक कल्पना देवी ने छावनी, पूनम कॉलोनी एवं सोगरिया क्षेत्र, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग एवं अफोरडेबल आवासीय योजना में आ रही पानी की समस्या एवं अनुपलब्धता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में खराब हैंडपम्प की समस्या के समाधान की बात भी रखी।
कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि कोटा दक्षिण में छात्रों की संख्या अधिक है। बहुत सारी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग है उन्होंने कहा समस्त कोटा में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराना सरकार की जिम्मेदारी है। क्षेत्र में पानी को आवश्यकता अनुसार संतुलन के साथ उपलब्ध कराया जाए।
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पानी की टंकियों का निर्माण कार्य जो अधूरा है उनको जल्द से जल्द पूरा कराया जाए। अधिकारी खुद फील्ड में जाकर काम की गुणवत्ता पर भी नजर रखें। उन्होंने अधिकारियों की ज़िम्मेदारी तय करते हुए चेतावनी दी कि अगर समस्या का समाधान नहीं होता है तो अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।