ग्लोबल GDP ग्रोथ में भारत का योगदान 18 फीसदी जबकि अमेरिका का 11 फीसदी,डेड इकोनाॅमी वाले बयान पर RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने क्या कहा आइये जानते है..
मुंबई: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है और अमेरिका की तुलना में वैश्विक विकास में अधिक योगदान दे रही है।

अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया है। ट्रंप चाहते हैं कि भारत रूस से तेल ना खरीदे। हालांकि जब भारत नहीं झुक रहा तब ट्रंप ने कहा कि भारत और रूस दोनों डेड इकोनामी हैं। अब ट्रंप के डेड इकोनाॅमी वाले बयान पर आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अमेरिका को आईना दिखाया है। संजय मल्होत्रा ने बताया कि भारत का ग्लोबल ग्रोथ में अमेरिका से अधिक योगदान है।
अमेरिका से अधिक भारत का योगदान
ट्रंप डेड इकोनाॅमी वाली टिप्पणी पर एक सवाल का जवाब देते हुए संजय मल्होत्रा ने कहा, “हम लगभग 18 प्रतिशत का योगदान दे रहे हैं, जो अमेरिका से ज़्यादा है। अमेरिका का योगदान बहुत कम लगभग 11 प्रतिशत या कुछ ऐसा है। हम बहुत अच्छा कर रहे हैं और आगे भी सुधार करते रहेंगे। भारत की एस्पिरेशनल विकास दर 6.5 प्रतिशत से ज़्यादा होनी चाहिए, जिसका अनुमान आरबीआई वित्त वर्ष 25 के लिए लगा रहा है। देश की विकास दर पहले औसतन 7.8 प्रतिशत रही है।”
विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद
संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है और अमेरिका की तुलना में वैश्विक विकास में अधिक योगदान दे रही है। संजय मल्होत्रा ने कहा कि देश की विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 2025 में वैश्विक विकास दर लगभग 3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
ट्रंप ने क्या कहा था?
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि मुझे इसकी परवाह नहीं कि भारत और रूस क्या करते हैं, वह अपनी डेड इकोनॉमी को एक साथ नीचे ले जा सकते हैं। ट्रंप ने कहा था कि हमारा भारत के साथ बहुत कम व्यापार है और जबकि वहां पर टैरिफ भी काफी अधिक है।
निक्की हेली ने ट्रंप को दी नसीहत
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने भारत पर ट्रंप के टैरिफ लगाने के फैसले को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे मजबूत सहयोगी पर टैरिफ और चीन को छूट दी जा रही है। निक्की हेली ने X पर एक पोस्ट में लिखा, “भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए। लेकिन चीन, जो हमारा एक विरोधी है और रूसी व ईरानी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है, उसे 90 दिनों के लिए टैरिफ में ढील दी गई है। चीन को छूट न दें और भारत जैसे मज़बूत सहयोगी के साथ अपने रिश्ते खराब न करें।”
UPI हमेशा मुफ्त रहेगा,ऐसा मैंने कभी नहीं कहा: RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा
RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में गवर्नर मल्होत्रा ने कहा, “मैंने कभी यह नहीं कहा कि UPI हमेशा मुफ्त रहेगा। मैंने सिर्फ यह कहा था कि इसमें एक लागत है, और वह किसी न किसी को चुकानी ही होगी”
क्या यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस से होने वाला पेमेंट हमेशा फ्री बना रह सकता है? भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को इसे लेकर एक अहम बयान दिया। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि यूपीआई सर्विस की लागत को किसी न किसी को तो उठाना ही पड़ेगा। आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में गवर्नर मल्होत्रा ने कहा, “मैंने कभी यह नहीं कहा कि यूपीआई हमेशा मुफ्त रहेगा। मैंने सिर्फ यह कहा था कि इसमें एक लागत है, और वह किसी न किसी को चुकानी ही होगी।”
उन्होंने आगे कहा, “लागत का भार कौन उठाएगा, यह जरूरी है। लेकिन उससे भी अधिक जरूरी यह है कि लोग इसके जरिए पेमेंट करें। ऐसे में इस मॉडल के टिकाऊ बने रहने के लिए यह जरूरी है कि कोई इसकी लागत उठाए, फिर चाहे वह सरकार हो, बैंक हों या यूजर्स।”
यह पहली बार नहीं है जब गवर्नर संजय मल्होत्रा ने यूपीआई मॉडल के टिकाऊपन को लेकर चिंता जताई हो। इससे पहले जुलाई में ही उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि यूपीआई का जीरो-फीस वाला मॉडल लंबे समय तक नहीं जारी रह सकता है।
-SWAPNIL KHANDELWAL, EDITOR IN CHIEF,
NAVDHA TIMES
