RAS पंकज ओझा की बढ़ी मुश्किलें, IPS की शिकायत पर मुख्य सचिव ने लिया संज्ञान; रिकॉर्ड तलब किया
राजस्थान के खाद्य विभाग में तैनात RAS अधिकारी पंकज ओझा की मुश्किलें अब बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. पंकज ओझा के खिलाफ IPS पंकज चौधरी द्वारा मुख्य सचिव सुधांश पंत और फूड कमिश्नर को लिखे शिकायती पत्र के बाद अब मुख्य सचिव सुधांश पंत ने संज्ञान लिया है.
राजस्थान के खाद्य विभाग में तैनात RAS अधिकारी पंकज ओझा की मुश्किलें अब बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. पंकज ओझा के खिलाफ IPS पंकज चौधरी द्वारा मुख्य सचिव सुधांश पंत और फूड कमिश्नर को लिखे शिकायती पत्र के बाद अब मुख्य सचिव सुधांश पंत ने संज्ञान लिया है. मुख्य सचिव ने प्रमुख शासन सचिव (स्वास्थ्य) से रिकॉर्ड तलब किया है, जिससे पंकज ओझा के खिलाफ अब आगे की कार्रवाई की जा सके. माना जा रहा है कि अब जल्द ही भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे पंकज ओझा के खिलाफ सरकार सख्त एक्शन ले सकती है.
दरअसल, इन दिनों RAS अधिकारी पंकज ओझा के खिलाफ IPS पंकज चौधरी ने खुलकर मोर्चा खोला हुआ है. IPS पंकज चौधरी ने खाद्य विभाग में तैनात एडिशनल डायरेक्टर पंकज ओझा के भ्रष्टाचार और पिछले कई महीनों से खाद्य विभाग में मिलावट खोरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत और फूड कमिश्नर एच गुइटे को शिकायती पत्र लिखा था.
पंकज ओझा के खिलाफ ACB ने दर्ज की थी FIR
IPS ने एक पत्र फूड कमिश्नर को भी लिखा, जिसमें आरोप लगाया गया कि मिलावट रोकने का जिम्मा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्तालय के पास है, लेकिन आयुक्तालय के अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा पर मिलावटखोरों से साठगांठ का आरोप है. IPS पंकज चौधरी ने पत्र में लिखा है कि पंकज ओझा के खिलाफ ACB में एफआईआर दर्ज होने के बावजूद वो इस पद पर कैसे बैठे हैं. उन्हें अभी तक एपीओ भी नहीं किया. IPS ने यह भी दावा किया कि प्रदेश के चिकित्सा मंत्री ने एसीबी को इस मामले पर एक पत्र भी लिखा था, लेकिन पंकज ओझा की राजनीतिक पहुंच के चलते कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी गई।.
राजस्थान में मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान ठप
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से राजस्थान में मिलावट अभियान पूरी तरह बंद हो गया है. हर साल रक्षाबंधन और अन्य त्योहारों पर मिलावट को लेकर चलने वाला अभियान अब बिल्कुल बंद हो गया है. खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय के अफसरों ने मिलावट से जुड़े अभियान को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. जब प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी तो खूब जोर-शोर से अभियान चलाया गया था. पहली बार फाइव स्टार होटल्स पर कार्रवाई हुई, लेकिन खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय के अफसर पंकज ओझा का मिलावटखोर माफियाओं से बातचीत और मिलीभगत का ऑडिओ वायरल होने के बाद ACB में मामला दर्ज हुआ, तभी से यह अभियान रुका गया, जो आज तक शुरू नहीं हो पाया.
