IAS अखिल अरोड़ा : एक कुशल और प्रभावी आईएएस अधिकारी हैं अपने पेशे के प्रति जितने अनुशासित, व्यक्तित्व मे उतने सरल सहज और गंभीर, राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में आईएएस अखिल अरोड़ा को धीर गंभीर, संजीदा एवं नेक दिल इंसान माना जाता है।
नवधा टाइम्स जयपुर: IAS अखिल अरोड़ा – कुछ शख्सियतें अपनी प्रशासनिक क्षमता से न केवल नीतियों में बदलाव लाती हैं, बल्कि व्यवस्था को एक नया स्वरूप देने का साहस भी रखती हैं. ऐसी ही एक सशक्त और प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं आईएएस अधिकारी अखिल अरोड़ा, आईएएस अधिकारी अखिल अरोड़ा के व्यक्तित्व की सबसे खास बात यह है कि वह अपने पेशे के प्रति जितनी अनुशासित हैं, निजी जीवन में उतनी ही मिलनसार और खुशमिजाज भी है, आईएएस अखिल अरोड़ा को धीर गंभीर, संजीदा और नेक दिल इंसान के रूप मे जाना जाता है,
अखिल अरोड़ा की पत्नी अपर्णा अरोड़ा 1993 बैच की राजस्थान कैडर की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं । वह वर्तमान में राजस्थान सरकार, जयपुर के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और पंचायती राज विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत हैं ।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
शिक्षा और समझदारी का गहरा नाता होता है, और अखिल अरोड़ा ने अपनी बौद्धिक यात्रा को बेहतरीन संस्थानों से निखारा. अखिल अरोड़ा का जन्म 4 फ़रवरी 1969 को राजस्थान में हुआ था । वर्ष 2025 तक, उनकी आयु 56 वर्ष है । उनका विवाह अपर्णा अरोड़ा से हुआ है, जो 1993 राजस्थान बैच की आईएएस अधिकारी हैं ।
उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की , जिसने उनके लंबे प्रशासनिक करियर की नींव रखी। उन्होंने दशकों की सार्वजनिक सेवा में अपनी तकनीकी पृष्ठभूमि को प्रशासनिक उत्कृष्टता के साथ जोड़ा है।
यूपीएससी यात्रा
अखिल अरोड़ा 1993 में 24 वर्ष की आयु में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए और उन्हें राजस्थान कैडर आवंटित किया गया । यूपीएससी की मार्कशीट, वैकल्पिक विषय और अन्य विशिष्ट परीक्षा-संबंधी जानकारी उपलब्ध नहीं है।
अखिल अरोड़ा आईएएस की वर्तमान पोस्टिंग
अखिल अरोड़ा वर्तमान में अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग, राजस्थान, जयपुर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं ।
उनके पिछले अनुभव में विभिन्न विभागों में नेतृत्वकारी भूमिकाएँ शामिल हैं। उन्होंने वित्त , चिकित्सा एवं स्वास्थ्य , सामाजिक न्याय , सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार , तथा योजना एवं समन्वय विभागों में अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव के रूप में कार्य किया है। उन्होंने जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन , राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड और राजस्थान स्टेट वाटरशेड डेवलपमेंट के प्रबंध निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य किया है ।
उन्होंने बीकानेर , डूंगरपुर और जयपुर में जिला कलेक्टर और मजिस्ट्रेट के साथ-साथ आबकारी विभाग के आयुक्त और शिक्षा, आईटी और जलग्रहण विकास विभाग के निदेशक के रूप में भी कार्य किया है। वित्त विभाग में उनकी भूमिका विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि वे वहां सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने 31 साल और 6 महीने के अपने करियर में दो कार्यकालों में 6 साल और 8 महीने से अधिक समय तक वित्त विभाग में सेवा की है ।
जब पहली बार, 1993 बैच के आईएएस अरोड़ा ने मुख्यमंत्री के रूप में अशोक गहलोत के दूसरे कार्यकाल के दौरान अगस्त 2011 से दिसंबर 2013 तक वित्त विभाग में सचिव (बजट) के रूप में कार्य किया था।
बाद में, जब गहलोत तीसरी बार मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने नवंबर 2020 में वित्त विभाग की बागडोर अखिल अरोड़ा को सौंप दी। तब से, सत्ता परिवर्तन के बावजूद, वे लगातार इस पद पर कार्यरत रहे। 2023 में जब भाजपा सत्ता में वापस आई, तो तमाम अटकलों के विपरीत, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अरोड़ा पर भरोसा जताया रखा, अरोड़ा ने वित्त विभाग का बखूबी प्रबंधन किया। हाल ही में ब्यूरोक्रेटिक फेरबदल के चलते उन्हें अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग, राजस्थान, जयपुर के पद पर तैनात किया गया हैं ।
अखिल अरोड़ा की वित्त विभाग की कार्यकुशलता ऐसी थी पूर्व गहलोत सरकार में उनके कार्यकाल के दौरान, राज्य सरकार को आरजीएचएस , मुफ्त दवा, मुफ्त स्मार्टफोन और इसी तरह की अन्य पूंजी गहन महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाने के बावजूद कभी भी वित्तीय संकट का सामना नहीं करना पड़ा।
वे उन दुर्लभ आईएएस अधिकारियों में से हैं जो राजनीतिक व्यवस्था से परे हैं और सत्ता में किसी भी दल की परवाह किए बिना महत्वपूर्ण विभाग संभालते रहे हैं।
अखिल अरोड़ा के भाई संजय अरोड़ा 1988 बैच के तमिलनाडु कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं । वे वर्तमान में दिल्ली में पुलिस आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं।
अखिल अरोड़ा उन दुर्लभ नौकरशाहों में से हैं जिन्हें अपने गृह ज़िले में ज़िला कलेक्टर के रूप में कार्य करने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने 27 अप्रैल, 2007 से 30 जून, 2008 तक जयपुर के कलेक्टर के रूप में कार्य किया।
अपने काम के ऊपर कभी हावी नहीं होने दिया ‘पॉलिटिकल प्रेशर’-
अखिल अरोड़ा की कार्यशैली उन्हें अन्य अधिकारियों से अलग बनाती है. वे नियमों और नीतियों से समझौता नहीं करते और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता के पक्षधर हैं. उन्होंने अपने लंबे करियर में कभी भी राजनीतिक दबाव को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया. वह हमेशा अपने विवेक के आधार पर स्पष्ट निर्णय लेने के लिए जाने जाते है. उनकी निडरता और निष्पक्ष कार्यशैली का ही नतीजा है कि जब भी कोई नीतिगत काम नहीं होता तो कोई भी राजनेता उन्हें फोन करने से पहले दस बार सोचता है. लेकिन इसके साथ ही उनकी सहजता और खुशमिजाजी उन्हें एक संवेदनशील प्रशासक भी बनाती है.
माँ के निधन के बाद भी कर्तव्य परायणता की अनूठी मिशाल पेश की-
राजस्थान कैडर के आईएएस अखिल अरोड़ा ने कर्तव्य परायणता की अनूठी मिशाल पेश की है। अपनी मां के निधन के बाद वित्त विभाग के प्रमुख शासन सचिव रहते हुए अखिल अरोड़ा ने आला अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश के बजट को अंतिम रूप देकर अनूठी मिसाल कायम की है। माँ के निधन के बाद तीये की बैठक भी नहीं हुई थी कि उससे पहले ही प्रदेश के बजट को अंतिम रूप देने लग गए थे।
राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में आईएएस अखिल अरोड़ा को धीर गंभीर, संजीदा एवं नेक दिल इंसान माना जाता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस तरह की मार्मिक मिसाल बहुत कम देखने को मिलती है।
अखिल अरोड़ा प्रशासनिक कार्यों में अनुशासन और सख्ती के लिए जाने जाते हैं, वहीं उनके निजी जीवन में साहित्य और बागवानी के प्रति गहरा प्रेम है. वे एक शौकीन पाठक हैं और खाली समय में किताबें पढ़ते है,
कांग्रेस हो या भाजपा सरकार ‘गुडबुक’ में शामिल-
अखिल अरोड़ा को अपने पेशे के प्रति बेहद ईमानदार अधिकारी के रूप में जाने जाते है. शायद यही वजह है कि वह कांग्रेस हो या भाजपा सरकार के भरोसेमंद अधिकारियों में शामिल रहे हैं. उन्होंने आई टी विभाग , वित्त विभाग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां उन्होंने सरकार और जनता के हित में उल्लेखनीय योगदान दिया.
-SWAPNIL KHANDELWAL,EDITOR IN CHIEF,
NAVDHA TIMES
