महिला सुरक्षा पर जयपुर पुलिस का बड़ा अभियान : डीजीपी बोले – “7 दिन का कार्यक्रम नहीं, बल्कि जीवनभर का संकल्प”
जयपुर | जयपुर पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा और प्रभावशाली अभियान शुरू किया है। इसका नाम “सशक्त नारी, जिम्मेदारी हमारी” रखा गया है। पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कुमार शर्मा ने इसका शुभारंभ कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के पृथ्वीराज चौहान सभागार में किया। यह अभियान 20 से 26 अगस्त तक ‘महिला सुरक्षा सप्ताह’ के रूप में चलेगा, लेकिन इसे जीवनभर का संकल्प बताया गया है।
डीजीपी राजीव शर्मा ने कहा—“अभियान 7 दिन का है, लेकिन संकल्प जीवनभर का लेना है। महिलाएं शक्ति, सहनशीलता और साहस की प्रतीक हैं। वास्तविक बदलाव तभी संभव है जब समाज, नौजवान और समुदाय मिलकर सहयोग करें।”
उन्होंने बताया कि पहले से संचालित कालिका पेट्रोलिंग, एंटी-रोमियो टीम और निर्भया स्क्वॉड ने सराहनीय कार्य किया है। इसी कारण जयपुर आज देश के सुरक्षित शहरों में दूसरे नंबर पर है। लक्ष्य अब इसे विश्व का सबसे सुरक्षित शहर बनाने का है।
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने कहा—“इस पहल का मकसद केवल कानूनी कार्रवाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम है। शहर में कानून-व्यवस्था व अपराध नियंत्रण के साथ-साथ महिला सुरक्षा पर विशेष काम किया जा रहा है। 2024 और 2025 में अपराधों में काफी गिरावट दर्ज हुई है।”
महिला अधिकारियों की भूमिका
इस अभियान की जिम्मेदारी एडीजी लता मनोज कुमार और जयपुर ग्रामीण एसपी राशि डोगरा डूडी संभाल रही हैं। उन्होंने बताया कि महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई नई योजनाएं लागू की जा रही हैं।
अभियान के प्रमुख कार्यक्रम
वॉक एंड टॉक – महिला पुलिस अधिकारी हर गली-मोहल्ले में जाकर लोगों से संवाद करेंगी और सुरक्षा के प्रति जागरूक करेंगी।
जागरूकता शिविर – स्कूल, कॉलेज व औद्योगिक क्षेत्रों में विशेष सत्र होंगे, जहां कानूनी अधिकारों व सुरक्षा उपायों पर जानकारी दी जाएगी। साथ ही लघु फिल्में और नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत होंगे।
महिला सुरक्षा वॉरियर्स – आम महिलाओं को पुलिस के साथ जोड़कर उन्हें सुरक्षा सहयोगी बनाया जाएगा।
चरित्र सत्यापन – ऑटो, मिनी बस और डिलीवरी सेवाओं से जुड़े लोगों का चरित्र सत्यापन किया जाएगा ताकि परिवहन और डिलीवरी सेवाएं और सुरक्षित हों।
आउटरीच प्रोग्राम – स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर संवेदनशील इलाकों में महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा पर जागरूकता फैलाई जाएगी।
बीट सुदृढीकरण – महिला अपराध प्रभावित क्षेत्रों में विशेष गश्त, कठोर कार्रवाई और महिला पुलिसकर्मियों की अधिक मौजूदगी सुनिश्चित की जाएगी।
जयपुर पुलिस का यह अभियान केवल एक सप्ताह तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे महिला सुरक्षा को लेकर स्थायी संकल्प के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा। पुलिस प्रशासन का मानना है कि महिला सुरक्षा केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है
