
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जनगणना-2027 के लिए राज्य स्तरीय समन्वय समिति की प्रथम बैठक आयोजित, मुख्य सचिव, सुधांश पंत ने कहा- डिजिटल स्वरूप में होगी जनगणना,गाँव व तहसील स्तर का सटीक डेटा बनेगा योजनाओं का आधार
जयपुर: राज्य में प्रस्तावित जनगणना-2027 की तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित हुई।
मुख्य सचिव ने कहा कि यह बैठक फरवरी 2027 में आयोजित होने वाली जनगणना की प्रारंभिक बैठक है। उन्होंने विभागों को निर्देशित किया कि आगामी जनगणना के लिए प्रशासनिक इकाइयों का समय पर गठन सुनिश्चित करें और सभी कार्य केंद्र सरकार के जनगणना कार्य निदेशालय के निर्देशों के अनुरूप पूरे करें।
उन्होंने बताया कि इस बार जनगणना पूर्णत: डिजिटल स्वरूप में होगी, जिससे तहसील और गाँव स्तर का डेटा सटीक रूप से संकलित होगा। इस डेटा के विश्लेषण से विभिन्न विभाग अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन अधिक प्रभावी ढंग से कर सकेंगे। श्री पंत ने कहा कि केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार सम्बंधित सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि जनगणना प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रशासनिक इकाई की सीमाओं में परिवर्तन नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि 31 दिसम्बर 2025 तक ही सीमाओं में बदलाव अनुमत होगा और इसके बाद 1 जनवरी 2026 से मार्च 2027 तक किसी भी प्रकार का परिवर्तन स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने इसे एक राष्ट्रीय दायित्व बताते हुए सभी विभागों से समन्वय के साथ कार्य करने का आह्वान किया।
बैठक में जनगणना-2027 का संक्षिप्त परिचय, कार्य-पद्धति, राज्य सरकार की जिम्मेदारियाँ, समय-सारणी एवं प्री-टेस्ट पर चर्चा की गई। साथ ही, क्षेत्राधिकार परिवर्तनों को अंतिम रूप देने, मकानों का सूचीकरण एवं मकानों की गणना की समयावधि निर्धारण, विभिन्न स्तरों पर समन्वय समितियों के गठन, विभागवार जिम्मेदारियों के निर्धारण तथा व्यापक प्रचार-प्रसार की रूपरेखा पर भी विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में जनगणना कार्य निदेशक, गृह मंत्रालय श्री बिष्णु चरण मल्लिक ने कहा कि जनगणना की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए ग्राम, नगर, तहसील और जिला स्तर की सीमाएँ समय रहते स्थिर की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल 2026 से पहले चरण में हाउसलिस्टिंग एवं हाउसिंग सेंसस का कार्य किया जाएगा तथा इसके बाद फरवरी 2027 से दूसरे चरण के तहत जनसंख्या गणना शुरू की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जनगणना के कार्य के सुचारू क्रियान्वयन के लिए रिक्त पदों को शीध्र भरा जाएं और नियुक्त कार्मिकों का कार्य पूरा होने तक स्थानान्तरण नहीं किया जाएं। उन्होंने विभागों की जिम्मेदारियाँ स्पष्ट करते हुए कहा कि राजस्व विभाग द्वारा सीमाओं के निर्धारण का कार्य किया जाएगा। इसी प्रकार योजना एवं सांख्यिकी विभाग जिला स्तर पर समन्वय का दायित्व निभाएगा तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग एवं शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
बैठक में प्रमुख शासन सचिव सांख्यिकी विभाग श्री भवानी सिंह देथा ने कहा कि केन्द्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार जनगणना 2027 निर्धारित समय पर सम्पन्न की जाएगी। राज्य सरकार ने इस अधिसूचना को राजपत्र में प्रकाशित कर दिया है और सभी विभागों से अपेक्षा की है कि वे इन तिथियों के अनुरूप अपनी तैयारियाँ समय पर पूरी करें।
बैठक में श्रीमती श्रेया गुहा, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास विभाग, श्री अश्विनी भगत, अतिरिक्त मुख्य सचिव अल्पसंख्यक विभाग, श्री महेन्द्र सोनी, शासन सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग सहित सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, गृह विभाग, वित्त विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, राजस्व विभाग तथा आयोजना एवं सांख्यिकी विभाग के उच्च अधिकारीगण उपस्थित रहे। इनके अतिरिक्त शिक्षा, स्वायत्त शासन, पंचायतीराज, सूचना प्रौद्योगिकी, चिकित्सा शिक्षा, सामान्य प्रशासन सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मिलित हुए।