
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जिलों में ENCORD की नियमित रूप से बैठक लेने के दिए निर्देश,CS सुधांश पंत ने पंच गौरव कार्यक्रम की बैठक को लेकर भी दिए आवश्यक निर्देश-
जयपुर: मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जिलों में ENCORD की नियमित रूप से बैठक लेने के दिए निर्देश, सुरक्षा एजेंसियों से तालमेल करके आंतरिक सुरक्षा की समीक्षा करने के दिए निर्देश, राज्य स्तरीय स्थायी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएस ने कहा कि, ‘सीमावर्ती जिलों वाले आउटपोस्ट पर निगरानी करें, इसके लिए तकनीकी संसाधनों को बढ़ाने के साथ मानवीय संसाधनों की हो पर्याप्त उपलब्धता, इसमें किसी भी प्रकार की कटौती नहीं हो, सीमावर्ती जिलों में निगरानी के लिए CCTV कैमरे, एंटी ड्रोन सिस्टम की उपलब्धता हो, कलेक्टर, एसपी फील्ड में सरप्राईज विजिट, रात्रि चौपाल आयोजित करें, आम लोगों से संवाद स्थापित करें, जिलों में ‘मानस’ हेल्पलाइन का हो प्रचार-प्रसार, मादक पदार्थों की अवैध तस्करी को रोकने के लिए प्रभावी सूचना तंत्र विकसित हो,
पंच गौरव कार्यक्रम राज्यस्तरीय समिति की बैठक-
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने ली सचिवालय में बैठक, प्रमुख सचिव वित्त वैभव गालरिया, सचिव नीरज के पवन सहित अन्य अधिकारी हुए शामिल, कार्यक्रम के तहत हर जिले की प्रमुख उपज, प्रजाति, उत्पाद हो या पर्यटन स्थल, या फिर खेल की हो गतिविधियां, इन बिंदुओं को पहचान के लिए हो रहे कार्य, इन उल्लेखनीय कार्यों की समीक्षा की बैठक में इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य काम समय पर पूरा करने के दिए निर्देश
कार्यक्रम को असरदार रूप से अमली जामा पहनाने और लगातार मॉनिटरिंग के लिए उपखंड स्तर पर नियमित समीक्षा के दिए निर्देश, राज्य और जिला स्तर पर समितियों को सक्रिय रखने के भी दिए निर्देश, सीएस सुधांश पंत ने कहा-‘योजनाओं को समयबद्ध कार्ययोजना के अनुसार लागू किया जाए, विभागों के बीच तालमेल मजबूत किया जाए और पंचायत स्तर तक विशेष अभियान चलाकर ज्यादातर लाभार्थियों तक पहुंचा जाए, इसके साथ ही वित्तीय प्रावधानों और बजट उपयोग की नियमित समीक्षा करने के दिए निर्देश, कार्यक्रम का लाभ समय पर और पारदर्शी तरीके से जनता तक पहुंचाने के भी दिए निर्देश,
बैठक के दौरान आयोजना निदेशक विनेश सिंघवी ने बताया- ‘पंच गौरव कार्यक्रम को राज्य सरकार ने फ्लैगशिप योजना घोषित किया है, जिसका सभी जिलों से कार्य योजनाएं लेकर उनका परीक्षण संबंधित विभागों से कराया जा चुका है, जिला स्तरीय समितियों से प्राप्त ₹406 करोड़ की कार्य योजनाओं पर विचार, नोडल विभाग की अनुशंसा पर ₹86.18 करोड़ का बजट जिलों को आवंटित करने पर चर्चा, और ₹100 करोड़ के बजट को अलग अलग मदों में फिर से नियोजित करने के मुद्दे प्रमुख रहे’
इसके साथ ही हर संभाग के जिलों को ₹50 लाख और अन्य जिलों को ₹25 लाख अनटाइड फंड उपलब्ध कराने को लेकर निर्णय का हुआ अनुमोदन, उपज, वनस्पति प्रजाति, उत्पाद, पर्यटन स्थल और खेल के गौरव घटकों के लिए जिला व विभाग स्तर पर विस्तृत अनुमोदन स्वीकृत, ताकि कार्यक्रम का क्रियान्वयन तेजी से हो सके, पंच गौरव कार्यक्रम की शुरुआत 17 दिसंबर 2024 को हुई थी, और वर्ष 2025-26 के बजट घोषणा संख्या 22 (1) के तहत इसे मंजूरी दी गई, जिसके लिए ₹550 करोड़ का प्रावधान है, योजना का मकसद हर जिले की विशिष्ट पहचान स्थापित करना, स्थानीय संसाधनों को प्रोत्साहन देना और रोजगार व आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ाना है, कार्यक्रम के पांच मुख्य घटक उपज, वनस्पति प्रजाति, उत्पाद, पर्यटन स्थल और खेल हैं, इन घटकों के लिए कृषि विभाग, वन विभाग, उद्योग विभाग, पर्यटन विभाग और खेल विभाग को नोडल विभाग नामित किया, इन सभी क्षेत्रों में मानकीकरण, प्रशिक्षण, ब्रांड बिल्डिंग, डिजिटल प्रचार-प्रसार और जनभागीदारी के माध्यम से कार्य किया जा रहा, ताकि पंच गौरव कार्यक्रम को जनआंदोलन का रूप दिया जा सके, और हर जिले की विशिष्ट पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित किया जा सके।
-SWAPNIL KHANDELWAL, EDITOR IN CHIEF,
NAVDHA TIMES