मुख्य सचिव सुधांश पंत ने दिया 15 दिन का अल्टीमेटम, आरजीएचएस और भर्ती में फर्जीवाड़े के केस पर कार्यवाही सुनिश्चित करने के दिये निर्देश।
जयपुर: राजस्थान सरकार अब उन कर्मचारियों और अभ्यर्थियों पर शिकंजा कसने जा रही है जिन्होंने या तो आरजीएचएस योजना का दुरुपयोग किया या फिर फर्जी तलाक/प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी हासिल की। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने सोमवार को आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि ऐसे मामलों में 15 दिन के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
यह कदम सरकार की पारदर्शिता और ईमानदारी की मंशा को दर्शाता है,
आरजीएचएस का दुरुपयोग : दवा की जगह घरेलू सामान
हाल ही में आरजीएचएस योजना में हुई गड़बड़ियों ने सरकार को कठोर कदम उठाने पर मजबूर किया है। कई मामलों में पाया गया कि कर्मचारियों ने गलत दवाइयों के नाम पर घरेलू सामान खरीदा या अपात्र रिश्तेदारों का इलाज करवाया। शिक्षा विभाग ने तो पिछले दिनों ही ऐसे छह शिक्षकों को निलंबित कर दिया था। अब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी विभाग में मिली अनियमितता पर बख्शा नहीं जाएगा।
फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी : निलंबन की तैयारी
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने यह भी निर्देश दिए कि तलाक, आय, ईडब्ल्यूएस, खेल या दिव्यांगता प्रमाणपत्रों में हेराफेरी कर नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों पर भी कार्रवाई होगी।कर्मचारी चयन आयोग ने हाल ही में ऐसे कई मामलों की पहचान की है। ‘कागजी तलाक’ और फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्रों के जरिए नौकरी हथियाने वालों को चिन्हित कर जांच शुरू की जा चुकी है।
तीन कानूनों पर होगी अमल की शुरुआत
बैठक में मुख्य सचिव ने पिछली सरकार के समय बने तीन अहम कानूनों पर भी सख्त रुख अपनाने की बात कही—
गिग वर्कर्स कानून – इसे प्रभावी बनाने के लिए समीक्षा होगी।
मिनिमम गारंटी इनकम एक्ट – वित्त विभाग नियमों की दोबारा समीक्षा करेगा।
स्वास्थ्य का अधिकार कानून – लागू करने में आ रही बाधाओं को दूर किया जाएगा।
इन कानूनों का क्रियान्वयन सरकार की जनकल्याणकारी सोच को मजबूती देगा।
मंत्रालयिक सेवा निदेशालय की मांग पर हलचल
राज्य के मंत्रालयिक कर्मचारी लंबे समय से निदेशालय गठन की मांग कर रहे हैं। इस पर भी मुख्य सचिव ने संकेत दिए कि जल्द ही ठोस कदम उठ सकते हैं। अधिकारियों से सुझाव लेकर व्यवहारिक निर्णय लेने की तैयारी है।
सरकार का स्पष्ट और पारदर्शी संदेश
राज्य सरकार यह संदेश देना चाहती है कि ईमानदारी और पारदर्शिता से समझौता नहीं होगा, पूर्व मे रही सिस्टम की गड़बड़ियां ठीक करने के लिए उचित कदम उठाये जा रहे है
यह सरकार का कदम सराहनीय है,मुख्य सचिव के निर्देश के बाद अधिकारियों मे हलचल तेज हुई है, उम्मीद है अब फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी करने वाले, आरजीएचएस का दुरुपयोग करने वाले कार्मिकों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही हो सकेगी।
