गृहमंत्री के दावे पर पलटवार: कन्हैयालाल को न्याय दिलाने को लेकर भाजपा सरकार गंभीर नहीं- अशोक गहलोत
जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हालिया राजस्थान दौरे और उनके बयानों पर तीखा पलटवार किया है। गहलोत ने दो प्रमुख मुद्दों—स्वर्गीय कन्हैयालाल साहू के परिवार को न्याय और राज्य में निवेश के दावे—पर भाजपा सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाए हैं। गहलोत ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने अपने दौरे के दौरान स्व. कन्हैयालाल साहू के परिवार को न्याय दिलाने के संबंध में एक शब्द भी नहीं बोला, जबकि उन्होंने खुद शाह के आने से पहले इस पर जवाब माँगा था। गहलोत ने आरोप लगाया, “यह दिखाता है कि भाजपा स्व. कन्हैयालाल के केस को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।” यह बयान भाजपा पर उदयपुर हत्याकांड के पीड़ितों के प्रति उपेक्षा बरतने का सीधा आरोप है। गहलोत ने अमित शाह के उस दावे पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘राइजिंग राजस्थान’ के माध्यम से 7 लाख करोड़ रुपये का निवेश जमीन पर उतर चुका है।
गहलोत ने तंज कसते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि किसी अधिकारी या राज्य सरकार ने शाह को गलत ब्रीफिंग दी है, क्योंकि प्रदेश की जनता और व्यापारी वर्ग अभी भी तलाश रहे हैं कि ये MoU कहाँ जमीन पर उतरे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार से मांग की कि गृहमंत्री के दावे को पुख्ता करने के लिए इन निवेशों की सूची सार्वजनिक कर देनी चाहिए।
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी तो चाहती है कि ‘राइजिंग राजस्थान’ के दौरान किए गए 35 लाख करोड़ रुपये का पूरा निवेश ही प्रदेश में आए, जिससे युवाओं को रोजगार और प्रदेश को राजस्व मिले। हालाँकि, उन्होंने विडंबना जाहिर करते हुए कहा कि विधानसभा में लगाए गए सवालों और आरटीआई (RTI) से माँगी गई जानकारी में भी राज्य सरकार ने इन MoU की जानकारी नहीं दी है। गहलोत ने सवाल किया कि यदि यह इवेंट इतना सफल रहा है तो जानकारी क्यों छिपाई जा रही है? उन्होंने सुझाव दिया कि यदि राज्य सरकार इन MoU को सार्वजनिक कर देती है, तो जनता स्वयं ही इनका पब्लिक ऑडिट कर सरकार को फीडबैक देती रहेगी कि कितने MoU जमीन पर उतरे हैं। यह पारदर्शिता की कमी पर सरकार को घेरने का एक मजबूत प्रयास है
