एक सशक्त और प्रेरणादायक व्यक्तित्व -IAS डॉ. सुबोध अग्रवाल सरल सहज सोम्य व्यक्तित्व के धनी,प्रशासनिक कौशलता एवं कार्यों से जनता के चहेते अफसर,ज़िम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह समर्पित.
IAS डॉ सुबोध अग्रवाल– कुछ शख्सियतें अपनी प्रशासनिक क्षमता से न केवल नीतियों में बदलाव लाती हैं, बल्कि व्यवस्था को एक नया स्वरूप देने का साहस भी रखती हैं. ऐसे ही एक सशक्त और प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं आईएएस अधिकारी डॉ सुबोध अग्रवाल।
नवधा टाइम्स जयपुर: IAS डॉ सुबोध अग्रवाल ज़मीन से जुड़े लेकिन अपनी ज़िम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह समर्पित, आईएएस डॉ सुबोध अग्रवाल उन अधिकारियों में से एक हैं जिनके अच्छे काम की ब्यूरोक्रेसी और जनता में हमेशा सराहना होती है।

राजस्थान सरकार में वरिष्ठ अधिकारी डॉ. सुबोध अग्रवाल, लोक सेवा में समर्पण और उत्कृष्टता के प्रतीक हैं। 30 से अधिक वर्षों के अनुभव वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी के रूप में, उन्होंने अपनी रणनीतिक नीति निर्माण, सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों के प्रभावी प्रबंधन और प्रशासनिक जिलों में नेतृत्व के माध्यम से केंद्र और राज्य दोनों सरकारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
अपने कार्यकाल के दौरान, आईएएस सुबोध अग्रवाल को चुनौतीपूर्ण कार्यों और संकटग्रस्त संगठनों के लिए चुना गया है, जिसका श्रेय उनकी तीक्ष्ण एकाग्रता, प्रेरणा, विश्लेषणात्मक कौशल और सूक्ष्म संगठनात्मक कौशल को जाता है। उनकी मज़बूत पारस्परिक और संचार क्षमताओं के साथ-साथ प्रभावी टीम बनाने और व्यावहारिक नेतृत्व प्रदान करने की उनकी प्रतिष्ठा ने उन्हें हर क्षेत्र मे उच्च सम्मान दिलाया है। अपनी बुद्धिमत्ता, निष्ठा, कार्य के प्रति जुनून और उच्च-गुणवत्तापूर्ण परिणामों के लिए जाने जाने वाले, सुबोध अग्रवाल का आईएएस करियर उनकी असाधारण क्षमताओं का प्रमाण है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल , 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और राजस्थान में कार्यरत हैं। उन्होंने 1988 की यूपीएससी परीक्षा पास की । वर्तमान में, वे अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजस्थान वित्त निगम , जयपुर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
डॉ. सुबोध अग्रवाल का जन्म 17 दिसंबर 1965 को जयपुर, राजस्थान में हुआ था , हालाँकि उनके पैतृक मूल उत्तर प्रदेश में हैं । उनका विवाह भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) की अधिकारी रोली अग्रवाल से हुआ है , और उनके पुत्र शुभ अग्रवाल भी आईआरएस अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।

(रोली अग्रवाल, आईआरएस अधिकारी)
उत्तर प्रदेश के रहने वाले सुबोध अग्रवाल (IAS Subodh Agarwal) राजस्थान काडर में कई महत्त्वपूर्ण पदों पर सेवाओं का अनुभव ले चुके हैं। सेवाओं में आने के बाद 40 से अधिक अलग-अलग पदों का अनुभव अग्रवाल को वर्सेटाइल बनाता है। अग्रवाल का परिवार उत्तर प्रदेश से संबंध रखता है, लेकिन डॉ अग्रवाल की स्कूली शिक्षा ग्वालियर के सिंधिया स्कूल से हुई। सिंधिया स्कूल में 1977 से 1983 से पढ़ाई के बाद, 12वीं पास कर आईआईटी में चयनित हुए। 1983 में आईआईटी दिल्ली में सिविल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया और सिविल सेवाओं की तैयारी शरू की। इंजीनियरिंग करते ही 1988 बैच में भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में चयन हुआ और अग्रवाल को राजस्थान काडर मिला। आईएएस सुबोध अग्रवाल अर्थशास्त्र में पीएच.डी. कर चुके हैं और उन्होंने एलएलबी की डिग्री भी ली है।
सरल स्वभाव लेकिन काम सर्वोपरि –
आईएएस डॉ. सुबोध अग्रवाल अपने सहज, सरल एवं सुलभ व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं लेकिन अपने कार्य के प्रति बिल्कुल सजग रहते हैं। किसी भी तरह का दबाव इन्हें नापसंद है। जनता का हित ही इनके लिए सर्वोपरि रहता है।

ऑफिस में पूरी पारदर्शिता, स्टाफ को अनुशासन मे रखते है-
जहां बाबूगिरी हावी हो. उन तक जनता की पहुंच भी मुश्किल हो. और जो हो वह भी बंद कमरे में हो. न आने का पता न जाने के वक्त का हिसाब. ऐसे सिस्टम में यदि आईएएस डॉ सुबोध अग्रवाल के अनुशासन का आदेश चलाएंगे तो कोई राजी हो न हो ऑफिस तो समय पर आना ही होगा . खुद वक्त पर ऑफिस आते हैं तो दफ्तरकर्मियों को भी इसके लिए पाबंद करते हैं.
आगंतुक ऑफिस समय में जब चाहें तब मिल सकते हैं. कुछ भी नहीं छिपा हुआ. . कार्मिकों की उपस्थिति के लिए खुद मॉनिटरिंग करते है,
यही कारण है कि अपने इस अफसर को जनता से तो अपार प्यार मिलता है लेकिन कामचोर कार्मिकों को यह सब नापसंद है.लेकिन आईएएस डॉ सुबोध अग्रवाल सभी तरह के कार्मिकों से सरकार और जनता का काम लेना जानते है,
भ्रष्ट तंत्र पर नकेल कस जनता के लिए करते है काम –
आईएएस डॉ सुबोध अग्रवाल ने शुरू से ही भ्रष्ट तंत्र, भूमाफियाओं ,अनेतिक गतिविधियों ,अवेध माइनिंग , जलदाय विभाग मे रहते हुए जल जीवन मिशन मे भ्रष्टाचार पर नकेल कस कर रखी थी।
चाहे जैसी भी विषम परिस्थितियाँ रही हो इन्होंने कभी भी अपनी ईमानदारी और कर्तव्यपालन से समझौता नहीं किया। इनका मानना है “सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं।
समय के पाबंद अफ़सर-
आईएएस डॉ सुबोध अग्रवाल की पहचान समय के अनुशासित अफ़सर के तौर पर है। समय पर ऑफिस नहीं आने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के हाजिरी रजिस्टर में मार्क लगाने को तैयार रहते है,
समय प्रबंधन अपने परिवार मे पिता और माँ के प्रभाव से व्यक्तित्व पर मानते है,
राइजिंग राजस्थान मे भी राज्य के लिए कई अच्छे निवेशक इनके प्रयासों से धरातल पर आ सके, आईएएस डॉ सुबोध अग्रवाल जिन जिन विभागों मे रहे सभी मे उनका उल्लेखनीय योगदान रहा है।
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डॉ. सुबोध अग्रवाल का आईएएस सफ़र समर्पण, बुद्धिमत्ता और नेतृत्व की एक उल्लेखनीय सफलता की कहानी है। उनके योगदान ने भारत में लोक नीति, शासन और विकास को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है। अपने दूरदर्शी नेतृत्व और उत्कृष्टता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के माध्यम से, डॉ. अग्रवाल लोक प्रशासन में प्रेरणा और नेतृत्व प्रदान करते रहते हैं।
-SWAPNIL KHANDELWAL,
EDITOR IN CHIEF, NAVDHA TIMES
