जन्मदिन विशेष: राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी शिवाक्षी खांडल- पापा का सपना था कि बेटी RAS ऑफिसर बने, RAS में तीसरी रैंक लाकर पूरा किया था उनका सपना,
शिवाक्षी खांडल अजमेर गर्ल्स इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच की टॉपर रही है। उनमे लीडरशिप क्वालिटी शुरू से ही थी,
कॉलेज में प्राचार्य और शिक्षक समय-समय पर तकनीकी वर्कशॉप ऑर्गेनाइज्ड करवाने की कमान उन्ही को सौंपते थे,
शिवाक्षी इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच की टॉपर रही है। उन्होंने कॉलेज से पासआउट होने के बाद से ही सरकारी सेवा में अफसर बनने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया था। शिवाक्षी के पिता मनोज कुमार शर्मा मेडिकल डिपार्टमेंट में एएओ पद पर थे। अप्रैल 2021 में कोरोना से उनका निधन हो गया। शिवाक्षी इकलौती बेटी हैं, उनका छोटा भाई कॉलेज में अध्ययनरत है। जबकि माता मीनू शर्मा हाउस वाइफ हैं
संगीत पसंद करती है : शिवाक्षी बॉस्केट बॉल प्लेयर भी हैं और कॉलेज की बॉस्केटबॉल टीम में अपनी प्रतिभा का हुनर दिखा चुकी हैं। उन्हें सिंगिंग करने और गाने सुनने का भी शौक है।
शिवाक्षी गर्ल्स इंजीनियरिंग कॉलेज की पहली ऐसी छात्रा रही हैं जिसने आरएएस में तीसरी रैंक हासिल की है।

जन्मदिन विशेष: प्रशासनिक सेवा परीक्षाओं में टॉप करना देश के लाखों विद्यार्थियों का सपना होता है. लेकिन उनमें से विरले ऐसे लोग होते हैं जिनको यह लक्ष्य हासिल हो पाता है. ऐसी ही एक युवा ऑफिसर का नाम है शिवाक्षी खांडल. इन्होंने अपने पहले ही प्रयास में राजस्थान प्रशासनिक सेवा RAS परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल की थी. उनके संघर्ष और जज्बे को हम सलाम करते हैं.RAS अधिकारी शिवाक्षी खांडल प्रशासनिक सेवाओं में सुधार , दूरदर्शी सोच और उनकी कार्यकुशलता की ब्यूरोक्रेसी मे बहुत तारीफ होती है,
आरएएस-2018 (RAS-2018) में ऑल राजस्थान तीसरी रैंक हासिल करने वाली जयपुर की शिवाक्षी खांडल का जन्म 12 अगस्त 1995 को हुआ. जब वह बड़ी हुई तो इनके पिताजी का सपना था कि उनकी बेटी ऑफिसर बनकर परिवार का नाम रौशन करें. लेकिन जब आरएएस परीक्षा का रिजल्ट आने वाला था उससे तीन महीने पहले इनके पिताजी का कोरोना से निधन हो गया था. सिर से पिता का साया छिन जाने के बावजूद शिवाक्षी ने हिम्मत नहीं हारी और RAS टॉपर्स में जगह बनाकर अपने पिताजी को सच्ची श्रद्धांजलि दी.
प्रदेश में संभाल रही हैं महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
शिवाक्षी खांडल वर्तमान में प्रदेश में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रही हैं. इस समय वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की प्राइवेट सेक्रेटरी के पद पर तैनात हैं. इससे पहले वह अजमेर में एसडीएम के पद पर तैनात थी. शिवाक्षी अजमेर में असिस्टेंड कलेक्टर के पद पर भी रह चुकी हैं. खास बात ये है कि वह जहां भी तैनात रहीं, उनके काम और सादगी के चर्चे हर जगह रहे.

पापा का सपना था कि बेटी RAS ऑफिसर बने
जयपुर की रहने वाली शिवाक्षी साइंस बैकग्राउंड से हैं. बीटेक करने के बाद भी इन्होंने इस क्षेत्र में अपना करियर नहीं चुना. इसकी एक ही वजह थी कि उनके पिताजी का सपना. वे चाहते थे कि उनकी बेटी आरएएस ऑफिसर बनकर घर का नाम रौशन करें. इसलिए शिवाक्षी ने 2018 में आरएएस की तैयारी शुरू की. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. रिजल्ट से तीन महीने पहले ही उनके सिर से पिताजी का साया उठ गया. इसके बाद उनकी मां ने उन्हें संभाला और बेटी का हौसला नहीं टूटने दिया. आखिरकार जब रिजल्ट आया तो शिवाक्षी ने तीसरी रैंक लाकर अपने पिताजी का सपना पूरा करके दिखाया,
प्रदेश के एजुकेशन और हेल्थ सेक्टर को मजबूती देने का है इरादा
शिवाक्षी ने जिस मकसद के साथ प्रशासनिक सेवा जॉइन की थी उनका वो हौसला आज भी कायम हैं. यही वजह है कि वह जहां भी पोस्टेड होती हैं अपने काम को पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ अंजाम देती हैं. शिवाक्षी का मानना है कि वह अब प्रदेश के हेल्थ और एजुकेशन सेक्टर को मजबूती देना चाहती हैं. जब तक उनका यह लक्ष्य पूरा नहीं होगा वह प्रदेश की जनता की सेवा में लगी रहेंगी.
आरएएस सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में जुटे युवाओं
के लिए शिवाक्षी खांडल एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप मे है, कई युवा उनको अपना रोल मॉडल मानते है।
-SWAPNIL KHANDELWAL, EDITOR IN CHIEF,
NAVDHA TIMES
